नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो में छिड़ी 2 अधिकारियों की लड़ाई में पहली बार सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया आई है, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस मामले की केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) जांच की सिफारिश पर दोनो अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि CVC ने कहा था कि दोनो अधिकारियों के रहते मामले जांच नहीं की जा सकती।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मामले पर विपक्ष की तरफ से हो रही बयानबाजी पर भी सवाल उठाए, उन्होंने कहा कि CBI के विवाद पर विपक्ष की तरफ से जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह सभी आरोप गलत हैं। उन्होंने बताया कि CBI की जांच का अधिकार सरकार के पास नहीं है, बल्कि CVC के पास इसका अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक डायरेक्टर ने दूसरे डायरेक्टर पर आरोप लगाए हैं और वह नहीं जानते कि दोनों में से कौन सही है।
सीबीआई मुख्यालय में जारी विवाद बुधवार को और भी गंभीर हो गया है। सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया है। वहीं नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया है। केंद्र के इस कदम के खिलाफ आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा की याचिका को स्वीकार भी कर लिया है और इस पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। दूसरी ओर सीबीआई मुख्यालय में आज सुबह से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा, स्पेशल सीबीआई डारेक्टर राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार के कार्यालय में छापेमारी जारी है। इस बीच सीबीआई मुख्यालय को सील कर दिया गया है। राव सीबीआई में अभी जॉइंट डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे थे। 1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी राव तेलंगाना के वारंगल जिले के रहने वाले हैं।
इस आदेश का मतलब यह है कि सरकार ने सीबीआई के पदानुक्रम में संयुक्त निदेशक से वरिष्ठ स्तर यानी अतिरिक्त निदेशक रैंक के तीन अधिकारियों को दरकिनार कर नागेश्वर राव को एजेंसी के निदेशक का प्रभार दिया। जिन तीन अतिरिक्त निदेशकों को दरकिनार किया गया है उनमें ए के शर्मा भी शामिल हैं। अस्थाना की ओर से की गई शिकायत में शर्मा का नाम सामने आया था। सूत्रों ने बताया कि ऐसी सूचना है कि सीबीआई मुख्यालय सील कर दिया गया है। वहां न तो सीबीआई कर्मियों और न ही बाहरी लोगों को जाने की इजाजत दी जा रही है, क्योंकि अधिकारियों की एक टीम इमारत में है।
बता दें कि मोइन कुरैशी केस में कथित रूप से दो करोड़ रुपये घूस लेने के मामले में सीबीआई ने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ केस दर्ज किया। मंगलवार को अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि राकेश अस्थाना और देवेंद्र सिंह के खिलाफ जबरन वसूली और जालसाजी के आरोप जोड़े गए हैं। कुमार को कथित तौर पर घूस लेने, रिकॉर्ड में हेरफेर के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।
वहीं जांच मामले में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर केस दर्ज करने वाले सीबीआई के निर्णय को राकेश अस्थाना समेत देवेंद्र कुमार ने चुनौती दी है। सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार ने जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों के संबंध में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने मामले के अगली सुनवाई के लिए 29 अक्टूबर की तारीख तय की है। कोर्ट ने कहा है कि 29 अक्टूबर को सीबीआई डायरेक्टर द्वारा राकेश अस्थाना पर लगाए गए आरोपों पर जवाब देंगे। कोर्ट तब इस मामले में अस्थाना की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है और मामले में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है।