नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया कि शारदा चिटफंड घोटाले के केस के सिलसिले में उसे कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ ‘‘ठोस सामग्री’’ मिली है, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और समन की अनदेखी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई मंगलवार को होनी है।
रविवार की शाम कोलकाता में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा अपने अधिकारियों को हिरासत में ले लिए जाने की घटना का ब्योरा देते हुए सीबीआई ने कहा कि वह कुमार के लिए यह आदेश मांग रही है कि वह तुरंत आत्मसमर्पण करें और खुद को घोटाले की जांच के लिए उपलब्ध कराएं।
सीबीआई ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के डीजीपी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त जैसे आला अधिकारियों के साथ कोलकाता में रविवार की रात करीब 10 बजे से बैठी हैं और वर्दीधारी कर्मियों का ऐसा बर्ताव ‘‘कोलकाता एवं पश्चिम बंगाल में कायम हो चुकी पूरी अराजकता’’ की तरफ इशारा करता है।
जांच एजेंसी ने कुमार के आवास पर पहुंचने के अपने कदम को सही ठहराते हुए कहा कि बगैर वॉरंट के गिरफ्तार करने के लिए उसके पास ठोस सामग्री है और पुलिस आयुक्त देश के कानून का पालन करने के लिए बाध्य हैं। सीबीआई ने कहा कि रविवार को हुई ‘‘अभूतपूर्व घटनाओं’’ के मद्देनजर उसने शीर्ष अदालत का रुख किया है।
हालांकि, अब कल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में तीन जजों की खंडपीठ बंगाल संकट पर सुनवाई करेगी। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना इस बेंच के बाकी दोनों जज है। सुप्रीम कोर्ट के सामने सीबीआई की तरफ से दो याचिका होगी। एक अदालत की अवमानना की और दूसरी कोलकाता पुलिस कमिश्नर को जांच के लिए सहयोग देने का निर्देश देने की।