नई दिल्ली: केरल के चर्चित कोट्टियूर सेक्स स्कैंडल में दो डॉक्टरों और एक नर्स पर दायर किए गए केस को सुप्रीम कोर्ट ने हटाने से मना कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने दोनों डाक्टर और नर्स पर लगे आरोपों को ‘‘ बहुत गंभीर ’’ करार दिया है। दोनों डॉक्टरों और एक अस्पताल प्रशासक की ओर से याचिका दायर की गई थी। अर्जी में याचिकाकर्ताओं ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। पीठ ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 26 जुलाई तय की और कहा कि मुकदमे पर रोक का आदेश उसी दिन पारित किया जाएगा। दरअसल इस मामले में एक कैथोलिक पादरी पर एक नाबालिग से बलात्कार का आरोप है। तो वहीं यौन उत्पीड़न के इस मामले को दबाने और नाबालिग बलात्कार पीड़िता के संपर्क में आने के बाद भी पुलिस को इस बारे में सूचित नहीं करने और साक्ष्य नष्ट करने के आरोपों में दोनों डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासक पर पॉक्सो कानून के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है।
पीड़िता ने उनके अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था और उनकी देखभाल इसी अस्पताल में हो रही थी। क्राइस्टराज अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ हैदर अली , स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ सिस्टर टेसी जोस और सिस्टर ऐंसी मैथ्यू नाम के तीन आरोपियों ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील की है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस मामले में पूरा मुकदमा चलाने की जरूरत है। आरोपियों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील आर बसंत ने याचिका पर फैसले तक मुकदमे पर रोक लगाने की मांग की। केरल सरकार के वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि पीड़िता के जैविक पिता को इस मामले में फंसाया गया था। उन्होंने कहा कि आरोपी प्रभावशाली और ताकतवर लोग हैं जबकि पीड़िता के पिता गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं और उन्हें फंसाया गया।