दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाब में कांग्रेस पार्टी का अंदरुनी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस में 'अपमान' से आहत पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है। इतना ही नहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्विटर पर अपना परिचय भी बदल दिया है, इसमें कांग्रेस के जिक्र को हटा दिया है। कैप्टन ने खुद को पूर्व सैनिक, पंजाब का पूर्व सीएम बताते हुए लिखा है कि वह राज्य के लोगों की सेवा करते रहेंगे।
पंजाब की सुरक्षा मेरी पहली प्राथमिकता- कैप्टन अमरिंदर सिंह
वहीं 2 दिन दिल्ली में रहने के बाद अमरिंदर सिंह चंडीगढ़ लौट गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब की सुरक्षा मेरी पहली प्राथमिकता है। कांग्रेस को मुझ पर भरोसा नहीं इसलिए कांग्रेस छोड़ रहा हूं। वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने से कांग्रेस का पतन हो रहा है। कांग्रेस ने मुझ पर भरोसा नहीं किया।
पंजाब में कैप्टन कांग्रेस तोड़ेंगे?
पंजाब में अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस पार्टी तोड़ेंगे तो कांग्रेस के 4 सांसद समेत करीब 20 से 25 विधायक भी कैप्टन के साथ जा सकते हैं। परनीत कौर, गुरजीत सिंह औजला, मनीष तिवारी, मोहम्मद सदीक आदि कैप्टन गुट के बताए जा रहे हैं। कैप्टन की सियासी ताकत की बात करें तो 2002 और 2017 में अपने दम पर कैप्टन ने पंजाब में सरकार बनाई और 2014 में मोदी लहर में जेटली को हराया। 52 साल का लंबा सियासी अनुभव रखने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह करीब साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहे।
भाजपा में शामिल नहीं होंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह
अमरिंदर सिंह के कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ने की बात कही है। हालांकि अमरिंदर सिंह के कार्यालय की तरफ से यह भी सफाई दी गई है कि वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस छोड़ने को लेकर अमरिंदर सिंह ने कहा है कि पार्टी का लगातार पतन हो रहा है और वरिष्ठ नेताओं को किनारे किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर उनका अपमान किया गया है।
जानिए अमित शाह से मुलाकात में क्या हुआ?
बता दें कि, बीते 2 दिन से दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद उनके भाजपा में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, अभी कैप्टन और शाह के बीच क्या बातचीत हुई है इसको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आयी है। शाह से मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर चर्चा की और उनसे आग्रह किया कि कानूनों को निरस्त करके, MSP की गारंटी देकर तथा पंजाब में फसल विविधिकरण को सहयोग देकर इस संकट का तत्काल समाधान किया जाए।’