चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की है कि आंदोलन कर रहे किसानों के साथ तुरंत बात शुरू करें ताकि दिल्ली से सटी सीमाओं पर जो माहौल बना हुआ है उसे शांत किया जा सके। पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है। अमरिंदर सिंह ने अपने व्यक्तिगत ट्वीट संदेश के जरिए भी केंद्र से अपील की है कि किसानों से बात करें, 3 दिसंबर का इंतजार न करें।
किसानों को रोके जाने पर गुरुवार को अमरिंदर सिंह ने टविटर के जरिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा था और बाद में मनोहर लाल खट्टर ने भी ट्वीट के जरिए अमरिंदर सिंह पर पटलवार किया था। मनोहर लाल खट्टर ने कड़े शब्दों में उनसे कहा था कि “निर्दोष किसानों को भड़काना” बंद करें। खट्टर ने सिंह से कहा कि वह किसानों को गुमराह करने से बचें। उन्होंने याद दिलाया कि वह पहले ही संकल्प व्यक्त कर चुके हैं कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कभी भी खत्म किया गया तो वह राजनीति छोड़ देंगे। खट्टर ने ट्वीट किया, “कैप्टन अमरिंदर जी, मैंने पहले भी कहा है और मैं फिर कह रहा हूं कि एमएसपी में अगर कोई गड़बड़ी हुई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा—इसलिये, कृपया निर्दोष किसानों को भड़काना बंद कीजिए।”
खट्टर ने इस मुद्दे पर बीते तीन दिनों से पंजाब के मुख्यमंत्री पर “सिर्फ ट्वीट करने और उनके साथ वार्ता से भागने” का आरोप भी लगाया। खट्टर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मैं बीते तीन दिनों से आपसे संपर्क की कोशिश कर रहा हूं लेकिन, दुखद है, आपने संपर्क नहीं करने का फैसला किया है—क्या किसानों के मुद्दों के लिये आप इतने ही गंभीर हैं? आप सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं और बातचीत से बच रहे हैं, क्यों?” सिंह पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने उन्हें कहा, “आपके झूठ, धोखे और मिथ्या प्रचार का समय खत्म हुआ—अब लोगों को आपका असली चेहरा देखने दीजिए।” खट्टर ने सिंह से कहा, “कोरोना महामारी के दौरान लोगों की जिंदगी खतरे में डालने से रोकिये। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि लोगों की जिंदगी से मत खेलिये- कम से कम महामारी के दौरान सस्ती राजनीति से बचिए।”
इससे पहले दिन में अमरिंदर सिंह ने दिल्ली जाने से किसानों को रोकने के लिये हरियाणा सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि किसानों के खिलाफ “बर्बर बल प्रयोग पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है।”