नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट से अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल के त्यागपत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह सब अकाली दल के नाटकों की एक कड़ी है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि अकाली दल ने अभी तक सत्तारूढ़ गठबंधन को नहीं छोड़ा है। उन्होने कहा कि हरसिमरत कौर बादल का त्यागपत्र किसानों की चिंता के लिए नहीं है बल्कि अपने राजनीतिक भविष्य के बचाने के लिए है और किसानों के लिए यह बहुत देर बाद किया गया बहुत कम काम है।
आपको बता दें कि किसानों से संबंधित तीन विधेयकों को लेकर पंजाब के किसानों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने इस पर चर्चा में कहा था कि इस कानून को लेकर पंजाब के किसानों, आढ़तियों और व्यापारियों के बीच बहुत शंकाएं हैं. सरकार को इस विधेयक और अध्यादेश को वापस लेना चाहिए।
केंद्र सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में किसानों से संबंधित कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा प्रदान करना) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है।
निचले सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने कभी भी यू-टर्न नहीं लिया। बादल ने कहा, 'हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथी हैं, हमने सरकार को किसानों की भावना बता दी, हमने इस विषय को हर मंच पर उठाया. हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने अन्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पंजाब में लगातार सरकारों ने कृषि आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिये कठिन काम किया लेकिन यह अध्यादेश उनकी 50 साल की तपस्या को बर्बाद कर देगा। अकाली दल नेता ने लोकसभा में कहा, 'मैं घोषणा करता हूं कि हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी।'