नयी दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने आठवीं कक्षा तक के छात्रों को फेल नहीं करने की नीति खत्म करने को आज मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने साथ ही देश में वि स्तर के 20 संस्थानों के निर्माण की मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना को भी अपनी मंजूरी दे दी। इसे लेकर बाल निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार संशोधन विधेयक में एक प्रावधान बनाया जाएगा जिससे राज्यों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में फेल होने पर छात्रों को पांचवीं और आठवीं कक्षा में रोकने की मंजूरी मिल जाएगी।
हालांकि छात्रों को कक्षाओं में रोकने से पहले एक परीक्षा के जरिये सुधार का एक दूसरा मौका दिया जाएगा। विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत छात्र परीक्षा में पास हुए बिना भी आठवीं कक्षा तक बढ़ते जा सकते हैं। यह एक अप्रैल, 2011 को लागू हुए अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है।
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