पणजी: गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक की प्रशंसा करते हए इसे ‘ऐतिहासिक गलती’ में सुधार की तरफ बढ़ाया गया कदम बताया है। ट्विटर पर उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक ‘धार्मिक आधार पर बंटवारे का सीधा परिणाम’ है।
उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि कैब 2019 ऐतिहासिक गलती सुधारने की तरफ बढ़ाया गया कदम है। वहीं बृहस्पतिवार को उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि नागरिकता संशोधन विधयेक 2019 की जरूरत सीधे तौर पर धार्मिक आधार पर हुए देश बंटवारे का नतीजा है। अगर कांग्रेस ने देश के बड़े क्षेत्रों का इस्लामिक गणराज्य बनना स्वीकार किया तो उसका कर्तव्य था कि वह उन देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों की रक्षा करे।
इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।