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#CAA के खिलाफ कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन; यूपी, बिहार व कर्नाटक में हिंसा, 3 की मौत

उत्तर प्रदेश में हिंसक संघर्ष हुआ जहां 12 से अधिक वाहनों को जला दिया गया। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। 

Reported by: Bhasha
Published on: December 19, 2019 23:24 IST
CAA Protest- India TV Hindi
Image Source : PTI Protestors pelt stones at police personnel after their clash during a rally against NRC and amended Citizenship Act, at Parivartan Chowk in Lucknow.

नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ देश के कई शहरों में बृहस्पतिवार को निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करते हुए छात्रों समेत हजारों की संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये। इस दौरान कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में हिंसा हुई जिनमें तीन लोगों की मौत हो गयी। देशभर में सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया।

दिल्ली में हुआ शांतिपूर्वक प्रदर्शन

राष्ट्रीय राजधानी में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन पर लगी रोक के बावजूद सड़कों पर उतरने के चलते सैकड़ों छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। कई मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया, जिससे शहर में यातायात प्रभावित हुआ।

ज्यादातर स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और प्रदर्शनकारियों ने नये कानून पर अपना विरोध व्यक्त करने के लिए नारे लगाये। प्रदर्शनकारियों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को बर्बरतापूर्ण बताया। कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दिल्ली में सुरक्षा बलों को गुलाब के फूल दिए और कहा कि पुलिस जितना चाहें उन्हें लाठी मार सकती है, लेकिन उनका संदेश “घृणा के बदले में प्यार” है।

यूपी में हुई आगजनी, लखनऊ में एक की मौत

उत्तर प्रदेश में हिंसक संघर्ष हुआ जहां 12 से अधिक वाहनों को जला दिया गया। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। लखनऊ और संभल में नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हीं उपद्रवियों से इसकी वसूली की जाएगी और सीसीटीवी फुटेज के जरिये दोषियों की पहचान की जायेगी।

बिहार में भी हुआ पथराव और आगजनी

बिहार में भी पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आई है जबकि कई राज्यों में रेल एवं सड़क यातायात प्रभावित रहा। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन कर शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में वामपंथी नेताओं सीताराम येचुरी, डी राजा, नीलोत्पल बसु तथा बृंदा करात और इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिया गया। इस कानून के अनुसार 31 दिसम्बर, 2014 तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन हेतु पात्र बनाने का प्रावधान है।

येचुरी ने कहा, “सरकार ने आज दिल्ली सहित देश के तमाम इलाक़ों मे संचार सेवाएँ तक बंद कर दी, मेट्रो स्टेशन बंद किए गए। यह बताता है कि देश में हालात आपातकाल से भी बुरे हैं। जिस तरह से लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों से निपटा जा रहा है, वह अस्वीकार्य है।’’

लाल किले के पास मार्च निकालने की कोशिश

दिल्ली में लाल किला क्षेत्र के आसपास लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए बृहस्पतिवार को सैकड़ों लोगों ने CAA के विरोध में मार्च निकालने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। लाल किले से पीछे हटाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी सुनहरी मस्जिद के नजदीक जमा हो गए और ‘हम होंगे कामयाब’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे।

प्रदर्शनकारियों ने ‘ सीएए से आज़ादी’, और ‘एनआरसी से आज़ादी’ के भी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों में पुरानी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली के स्थानीय लोग तथा छात्र शामिल थे। इसके बाद प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर की ओर बढ़ने लगे और इसे देखते हुए प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों और अवरोधकों को लगाया गया।

कर्नाटक में भी हुए प्रदर्शन, दो की मौत

कर्नाटक के कई शहरों में इस नये कानून के खिलाफ निषेधाज्ञा के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। वहीं, मंगलुरू में उग्र प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठी चार्ज किया और हवा में गोलियां चलाईं। वहां हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई। इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित पूरे राज्य में प्रदर्शन कर रहे कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

संभल में सरकारी बसों की फूंका

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी बेंगलुरू में नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों को आग लगा दी जबकि संभल में दो सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया।

लखनऊ में 20 हिरासत में

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह के मुताबिक 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावडे़ की अनुमति नहीं दी गयी थी। डीजीपी ने कहा कि पुलिस को राजधानी के मदेयगंज क्षेत्र में भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोडने पडे़ जबकि लगभग 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है। विपक्षी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के विधायकों ने लखनऊ में विधानसभा परिसर में अपना विरोध दर्ज कराया।

AMU में मौन जुलूस

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई शिक्षकों ने मौन जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। कानून का विरोध कर रहे छात्रों का रविवार को पुलिस से संघर्ष हुआ था, जिसमें 60 लोग घायल हो गये थे। प्रशासन ने विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक बंद कर दिया है।

मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में हुआ प्रदर्शन

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सीएए के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे और फिर यहां के ऐतिहासिक अगस्त क्रांति मैदान में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों में राजनीतिक कार्यकर्ता, छात्र और बॉलीवुड की कुछ हस्तियां भी शामिल थीं जिन्होंने सीएए और प्रस्तावित एनआरसी का विरोध किया। इसी तरह के प्रदर्शन महाराष्ट्र के अन्य कई शहरों में भी हुए।

मुंबई का अगस्त क्रांति मैदान इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि 1942 में इसी स्थान से महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का आह्वान किया था। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए सांप्रदायिक है और यह मुसलमानों से भेदभाव करता है। मुंबई में प्रदर्शन का आयोजन भाकपा जैसे राजनीतिक दलों और नागरिक समाज समूहों ने किया, लेकिन इसमें लगभग सभी तबके के लोग शमिल हुए।

बंगाल, असम और मेघालय में हुआ प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में भी विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि यहां प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी प्रदर्शन हुए। कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए और यदि वह ‘‘व्यापक मत’’ हासिल करने में विफल रहती है तो उसे सत्ता छोड़नी होगी।

दिनाजपुर में दो गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर देसी बम फेंकने के लिए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी और मुंबई समेत कुछ स्थानों पर लोगों के कुछ समूहों ने सीएए समर्थित प्रदर्शन भी किये।

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