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फायरिंग हुई नहीं तो कैसे लगी जामिया के छात्रों को गोली? पुलिस करेगी पूरे मामले की जांच

रविवार को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के बीच दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर गोली चलाई है। तीन लोग अलग-अलग अस्पतालों में बुलेट इंजुरी को लेकर भर्ती किए गए हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 17, 2019 6:59 IST
फायरिंग हुई नहीं तो कैसे लगी जामिया के छात्रों को गोली? पुलिस करेगी पूरे मामले की जांच
फायरिंग हुई नहीं तो कैसे लगी जामिया के छात्रों को गोली? पुलिस करेगी पूरे मामले की जांच

नई दिल्ली: रविवार को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के बीच दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर गोली चलाई है। तीन लोग अलग-अलग अस्पतालों में बुलेट इंजुरी को लेकर भर्ती किए गए हैं। इन आरोपों पर दिल्ली पुलिस ने सफाई देते हुए कहा है कि पुलिस ने आंसू गैस के गोले जरूर दागे थे लेकिन बुलेट फायर नहीं किया। दिल्ली पुलिस ने ये जरूर माना कि कुछ छात्र घायल हुए है लेकिन वो पुलिस की गोली से नहीं बल्कि टीयर गैस के शैल से निकले पार्टिकल से जख्मी हो सकते है।

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साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने एक और एसएलसी के रहस्य से पर्दा उठाया, साफ किया कि जब पुलिस ने गोली नहीं चलाई तो किसके पास हथियार था। किसने गोली चलाई, किस हथियार से गोली चलाई, हर बात की जांच होगी। बिसवाल ने माना कि मथुरा रोड़ पर हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे लेकिन अगर किसी को चोट आई थी तो वो नजदीक के होली फैमिली और एस्टकॉर्ट्स अस्पताल न जाकर सफदरजंग अस्पताल क्यों गया?

वहीं होली फैमिली की रिपोर्ट में एलेज्ड हिस्ट्री में बुलेट इंजरी लिखा है जिसका मतलब है कि घायल ने ऐसा बताया लेकिन फाइनल रिपोर्ट में नीचे फॉरेन एलिमेंट लिखा है जिसका मतलब है, कांच, प्लास्टिक, फाइबर, तांबे जैसे कुछ ऐसी चीज़ो का शरीर में लगना जिसकी पहचान मुश्किल हो, जैसा इस केस में हुआ है।

पूरे मामले में एक छात्रा ने आरोप लगाया कि मेरे दोस्त की मौत हो गई तो छात्रा के दावे की हवा निकाली जामिया यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नज़मा अख्तर ने। उन्होंने कहा, “बच्चों को डराने के लिए उनके साथ मारपीट की गई। हिंसा में किसी की मौत नहीं हुई है। हिंसा में मौत की खबर महज अफवाह है। जामिया को बदनाम करने की कोशिश न करें।“

इस हिसा में डीटीसी की चार बसें, 100 निजी वाहन और पुलिस की 10 मोटरसाइकिलें क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने कहा कि उसने प्रदर्शनकारियों द्वारा उकसाए जाने के बावजूद अधिकतम संयम, न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया। 

दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। अब सवाल ये है कि जो लोग गोली से घायल होने का दावा करते हुए अस्पताल पहुंचे उसके पीछे किसकी साजिश थी? कौन था जो गोली चलने की अफवाह फैलाकर दिल्ली में आग लगाना चाहता था?

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