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#CAA के खिलाफ प्रदर्शन में मंगलुरु में दो की मौत, सैकड़ों हिरासत में

राज्य के कई शहरों में भी हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी बेंगलुरू के टाउन हॉल इलाके में प्रदर्शन करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। 

Reported by: Bhasha
Published : December 19, 2019 23:41 IST
Mangaluru
Image Source : PTI Police personnel and protestors clash during a rally against the amended Citizenship Act and NRC, in Mangaluru

बेंगलुरु/ हैदराबाद। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ गुरुवार को दक्षिण भारत के कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। कर्नाटक के मंगलुरु में हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस द्वारा चलाई गई गोलियों के कारण दो लोगों की मौत हो गई। वहीं निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर प्रदर्शन करने के आरोप में प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया। मंगलुरु में प्रशासन ने शुक्रवार रात तक कर्फ्यू लगा दिया है।

प्रदर्शनकारियों ने की थाने पर कब्जा करने की कोशिश

पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मंगलुरु उत्तर पुलिस थाने पर कब्जा करने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलायी गयी। पुलिस ने पुष्टि की कि दो लोग पुलिस की गोलियों से घायल हुए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज

मृतकों की पहचान जलील कुदरोली (49) और नौशीन (23) के तौर पर की गई है। छात्रों के साथ प्रमुख हस्तियां भी बेंगलुरु और चेन्नई की सड़कों पर उतरे। मंगलुरु में निषेधाज्ञा उल्लंघन कर सड़कों पर प्रदर्शनकारियों को काबू में करने पुलिस ने लाठी चार्ज किया और उन्हें तितरबितर करने के लिए गोलियां चलाईं।

रामचंद्र गुहा भी सड़क पर उतरे

राज्य के कई शहरों में भी हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी बेंगलुरू के टाउन हॉल इलाके में प्रदर्शन करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। गुहा ने कहा कि यह ‘‘बिल्कुल अलोकतांत्रिक’’ है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की भी इजाजत नहीं दे रही है।

येदियुरप्पा ने पुलिस को संयम बरतने को कहा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों से निपटते समय पुलिस को संयम बरतने का निर्देश दिया और आरोप लगाया कि प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस का हाथ है। मुस्लिमों में भय के कथित माहौल को दूर करने की कोशिश करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि उनके हितों की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा हालात की समीक्षा की।

कई इलाकों में 21 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू

कर्नाटक के हुबली, कलबुर्गी, हासन, मैसुरु और बेल्लारी में प्रदर्शन हुए और पुलिस ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में कई लोगों को हिरासत में लिया। राज्य के हुबली, हासन, कलबुर्गी, मैसुरु और बेल्लारी में भी प्रदर्शन हुआ। बेंगलुरु और मंगलुरू सहित राज्य के विभिन्न भागों में 21 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू है।

हैदराबाद में 50 छात्र हिरासत में

उधर, हैदराबाद में वाम दलों और हैदराबाद विश्वविद्यालय के करीब 50 छात्रों को ऐहतियातन हिरासत में लिया गया। पुलिस ने वाम दलों की एक रैली को भी रोक दिया। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव के नारायण, पार्टी के तेलंगाना राज्य सचिव चडा वेंकट रेड्डी, तेलंगाना जन समिति प्रमुख एम कोडनडरम भी 350 लोगों में शामिल हैं जिन्हें हिरासत में लिया गया है।

अमित शाह का पुतला फूंका

केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम में विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। माकपा की युवा इकाई डीवाईएफआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राजभवन तक मार्च निकाला। भाकपा कार्यकर्ताओं ने कोषिक्कोड में केंद्रीय मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका। कन्नूर, मल्लपुरम में भी प्रदर्शन हुए।

कन्नूर में निकाला गया विरोध मार्च

माकपा के संबद्ध छात्र संगठन एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने उत्तरी कन्नूर में सीएए के खिलाफ कन्नूर रेलवे स्टेशन तक मार्च निकाला। मलाप्पुरम के तनुर नगरपालिका में गुरुवार को उस समय नाटकीय स्थिति पैदा हो गई जब पार्षदों ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की जिसका भाजपा सदस्यों ने यह कहकर विरोध किया कि मामला अदालत में विचाराधीन है।

तमिलनाडु में भी हुए प्रदर्शन

तमिलनाडु के चेन्नई, तिरुपुर, तिरुचिरापल्ली, नगरकोईल और वनियामबाडी में प्रदर्शन हुए। मक्कल अधिकारम और भाकपा सहित विभिन्न दलों और संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन का आयोजन किया। चेन्नई में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में कर्नाटक संगीत के गायक टीएम कृष्णा और तमिल फिल्मों के अभिनेता सिद्धार्थ शामिल थे। प्रदर्शन का आयोग संयुक्त रूप से नागरिक संस्थाएं, वाम उदारवादी और स्वयंसेवी संस्थाएं जैसे जमात-ए-इस्लामी हिंद आदि ने किया था और इस दौरान भाजपा नीत केंद्र सरकार, आरएसएस और हिन्दुत्व के खिलाफ नारे लगाए गए।

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