नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि जेएनयू और अन्य जगहों पर युवाओं एवं छात्रों पर हमले की घटनाओं के लिए उच्च स्तरीय आयोग के गठन किया जाना चाहिए। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सोनिया ने कहा, ''नए साल की शुरुआत संघर्षों, अधिनायकवाद, आर्थिक समस्याओं, अपराध से हुई है।''
उन्होंने को सीएए भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून करार देते हुए दावा किया कि इसका मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है। सोनिया ने कहा कि जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य जगहों पर युवाओं और छात्रों पर हमले की घटनाओं की जांच के लिए विशेषाधिकार आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने खाड़ी क्षेत्र के घटनाक्रम को लेकर भी चिंता प्रकट की।
कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की शनिवार को हुई बैठक में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों और जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले के बाद बने हालात तथा अर्थव्यवस्था में सुस्ती पर चर्चा की गयी। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य नेता शामिल हुए। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शनों, जेएनयू में हमले के बाद पैदा हुए हालात और आर्थिक मंदी तथा अमेरिका एवं ईरान के बीच तनाव के बाद पश्चिम एशिया के हालात पर चर्चा हुई।