नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को हैदराबाद ‘मुक्ति दिवस’ पर सरदार वल्लभभाई पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सैनानी ने हैदराबाद को निज़ाम की हुकूमत से मुक्ति दिलाकर ‘ एक और कश्मीर-जैसी स्थिति बनने से रोक’ दी। भूतपूर्व हैदराबाद रियासत 17 सितंबर 1948 को भारतीय संघ में शामिल हुई थी। इसके लिए भारत सरकार को ‘ऑपरेशन पोलो’ नाम से एक अभियान चलाना पड़ा था, क्योंकि रियासत में आंतरिक हालात ठीक नहीं थे।
मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट करके पटेल और हैदराबाद रियासत को ‘मुक्ति’ दिलाने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। रेड्डी ने कहा, ‘‘ 17 सितंबर 1948 वो दिन है जब भारतीय संघ के बलों ने हैदराबाद रियासत पर नियंत्रण हासिल किया था और निज़ाम के अत्याचारी शासन और रज़ाकारों के अपने लोगों के साथ अमानवीय सुलूक से मुक्ति दिलाई थी।’’ उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्र होने के करीब 13 महीने बाद इस दिन हैदराबाद क्षेत्र के लोगों को ‘आज़ादी मिली थी।
मंत्री रेड्डी ने ट्वीट किया, ‘‘हैदराबाद का भारतीय संघ में सफलतापूर्वक विलय सुनिश्चित करने के लिए सरदार पटेल और उनके ऑपरेशन पोलो’ का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने इस तरह एक और कश्मीर जैसी स्थिति बनने से रोक दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक दिन पर मैं सरदार वल्लभभाई पटेल और हैदराबाद रियासत की मुक्ति के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं।’’
रेड्डी ने आठ सितंबर को मांग की थी कि तेलंगाना सरकार 17 सितंबर को हैदराबाद ‘मुक्ति दिवस’ आधिकारिक तौर पर मनाए। भाजपा लंबे अरसे से ऐसी मांग करती आई है। भाजपा अक्सर आरोप लगाती है कि चंद्रशेखर राव की सरकार ‘वोट-बैंक की राजनीति’की वजह से इस मांग को स्वीकार नहीं करती है और राव की टीआरएस के एआईएमआईएम से दोस्ताना रिश्ते हैं। तेलंगाना भाजपा 17 सितंबर को हर साल मुक्ति दिवस मनाती है और समूचे राज्य में राष्ट्रीय ध्वज फहराती है।