नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम चुनाव से पहले अपने अंतिम पूर्ण बजट को आज खेती-बाड़ी, गांवों व गरीब-गुरबों पर केंद्रित रखा। बजट में ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्रों के लिए आवंटन बढ़ाने के साथ लघु उद्योगों के लिये अनेक पहल एवं कई रियायतों की घोषणा की गयी। जेटली ने वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर में एक दशक बाद मानक कटौती का लाभ फिर देते हुए इसके साथ कुछ शर्तें जोड़ दी हैं। इसके अलावा बजट में मध्यम वर्ग को रिझाने वाली कोई बड़ी घोषणा नहीं है। आयकर और कार्पोरेट कर पर स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर की दर तीन प्रतिशत से बढ़ा कर चार प्रतिशत कर दी है। पढि़ए वित्त मंत्री अरुण जेटली का पूरा भाषण...
उल्लेखनीय भाजपा नीत राजग सरकार का कार्यकाल अगले साल समाप्त हो रहा है और इसके पहले इस साल कुछ बड़े राज्यों में विधान सभा चुनाव भी होने जा रहे हैं। चुनाव यदि अगले साल अप्रैल में होते हैं तो यह सरकार एक लेखानुदान बजट सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं लघु उद्यमों आदि के लिए किए गए प्रावधानों को दूरगामी लाभ वाले कदम बताते हुए इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह ‘आम लोगों के जीवन को और सरल बनाने वाला बजट है।’ उन्होंने कहा कि ‘‘इससे हमारा भरोसा और बढ़ा है कि अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।’’ उन्होंने वित्त मंत्री जेटली और उनकी टीम को इस अच्छे बजट के लिए बधाई दी।