नई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे कृषि आंदोलन के बीच आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमारा सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सभी फसलों के MSP को बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है। उन्होंने कहा कि खरीद भी लगातार गति से बढ़ रही है। इससे किसानों को भुगतान में काफी वृद्धि हुई है। गेहूं के मामले में, किसानों को 2013-14 में कुल भुगतान रु 33,874 करोड़ किया गया था। साल 2019-20 में यह बढ़कर रु 62,802 करोड़ हो गया। साल 2020-21 में यह बढ़कर 75, 060 करोड़ होने वाला है। वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2020-2021 में दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान और धान के लिए 1,72,752 करोड़ का भुगतान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के निर्यात में 22 और उत्पादों को शामिल किया जाएगा।
जल जीवन मिशन के लिये 2.87 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 4,378 शहरी स्थानीय निकायों के लिये 2.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किये जाने की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोक सभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि अगले पांच साल के दौरान स्वच्छ भारत 2.0 अभियान को लागू किया जायेगा, जिसके लिये 1,41,678 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।वित्त मंत्री ने देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये 1.97 लाख करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की भी घोषणा की। यह योजना पांच साल के लिये है और यह चालू वित्त वर्ष से शुरू हो रही है। सीतारमण ने कहा कि इस प्रोत्साहन योजना के अतिरिक्त एक वृहद निवेश टेक्सटाइल्स पार्क की योजना भी शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार 20 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ विकास वित्तीय संस्थान बनाने के लिये एक विधेयक पेश करेगी।