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BSF को मिलेगी एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी, महज 30 सेकंड के अंदर दुश्मन के UAV को मार गिराएगी

इंडिया TV को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक ये ड्रोन माइक्रो और मल्टी रूटर होंगे जिनकी रेंज तीन किलोमीटर है। उसके बाद दूसरे नैनो तरीक़े की UAV होंगे। तीसरे तरीके का स्मॉल और हाइब्रिड UAV हैं।

Reported by: Manish Prasad @manishindiatv
Published on: October 14, 2019 16:38 IST
प्रतिकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : TWITTER प्रतिकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान की सरहद पर इस समय सबसे बड़ा खतरा UAV का है। ड्रोन के जरिए पाकिस्तान लगातार अपने हथियारों का जखीरा भारत में भेजने की कोशिश में लगा हुआ है। पिछले दिनों पंजाब में पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसी ने पाकिस्तान से भेजे गए हथियारों क जब्त भी किया है।

BSF ने की एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी की मांग

अंतरराष्ट्रीय सीमा और LoC पर बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स तैनात है और ख़ास तौर पर पंजाब, राजस्थान, गुजरात, जम्मू के इलाकों में इनकी तैनात की है। ड्रोन के खतरे को देखते हुए बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स ने एंटी UAV टेक्नोलॉजी के लिए ड्रोन की मांग गृह मंत्रालय से की है।

3-10 किमी होगी ड्रोन की रेंज

इंडिया TV को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक ये ड्रोन माइक्रो और मल्टी रूटर होंगे जिनकी रेंज तीन किलोमीटर है। उसके बाद दूसरे नैनो तरीक़े की UAV  होंगे, इनकी रेंज एक किलोमीटर है। तीसरे तरीके का स्मॉल और हाइब्रिड UAV है और इसकी रेंज करीबन पांच किलोमीटर तक की तय की गई है। इसके साथ-साथ फिक्स्ड विंग UAV की जरूरत बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स को है जिसकी रेंज 10 किलोमीटर की गई है।

10 सेकंड के अंदर दुश्मन को डिटेक्ट करेगा UAV

ये बता दें कि ऑपरेशनल क्षमता के मुताबिक 10 सेकंड के अंदर यह UAV दुश्मन के UAV को ढूंढने में सक्षम होनी चाहिए और 10 मिनट के अंदर किसी भी कंडीशन में इनको तैनात किया जा सके, चाहे तापमान पचास डिग्री हो या फिर माइनस तीस डिग्री। इसमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी के तहत एक ड्रोन दुश्मन की कई UAV को एक साथ ढूंढ निकालने की क्षमता रखता है।  यही नहीं बल्कि सिर्फ़ और सिर्फ़ 30 सेकंड के अंदर ये दुश्मन की UAV की रेडियो फ्रीक्वेंसी को जाम कर दे और GPS को डैमेज करते हुए फ़ोर्स लैंडिंग करवाए या फिर तहस-नहस कर दे।

BSF

Image Source : INDIA TV
BSF को मिलेगी एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी

2 हजार 528 किमी लंबी सीमा गार्ड करती है BSF

बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स इस समय 2,528 किलोमीटर की भारत पाकिस्तान की सीमा को गार्ड करती है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर और LoC भी शामिल है। LoC पर BSF आर्मी के ऑपरेशनल कमांड के तहत है। खास तौर पर श्रीनगर के इलाक़े में 167 किलोमीटर की भारत-पाकिस्तान की सरहद है और जम्मू के इलाके में LoC करीबन सत्तर किलोमीटर और इंटरनेशनल बॉर्डर 191 किलोमीटर है। यहाँ पर पाकिस्तान लगातार घुसपैठ की कोशिश करता है और अपने ड्रोन के ज़रिए बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स और भारतीय सेना की टोह लेने की कोशिश करता है। कई बार अपनी एयर डिफेंस गन से भारतीय सेना और बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स ने पाकिस्तानी UAV को मार गिराया भी है।

पंजाब में अस्थिरता पैदा करना चाहता है पाकिस्तान

खालिस्तान कमांडो फोर्स और खालिस्तान ज़िंदाबाद फोर्स इस समय पाकिस्तानी ISI और पाकिस्तानी आर्मी के साथ मिलकर भारत में एकबार फिर से अस्थिरता पैदा करना चाहती है और ये अपने रेफरेंडम 2020 के तहत करना चाहते हैं। इसलिए एनआइए ने भी इस पर अपनी चिंता जतायी है।

खास तौर पर जर्मनी और कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकियों और उनके पूरे सिंडीकेट की धर पकड़ शुरू कर दी है लेकिन इसी की आड़ में पाकिस्तानी ISI पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार बेचने की लगातार कोशिश में लगी हुई है।

ये बता दें कि बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स इस समय 553 किलोमीटर का पंजाब में बॉर्डर गार्ड करती है। यहां सिर्फ हथियार ही नहीं बल्कि घुसपैठ, नकली नोट ब्लॉक्स और स्मगलिंग का है भी खतरा है। इसीलिए बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स की ये मांग और तेज हो गई है।

राजस्थान में 804 किमी इलाका गार्ड करती है BSF

राजस्थान में बीएसएफ सबसे बड़ा इलाका गार्ड करती है। यहां बीएसएफ पर पाकिस्तान से सटी 804 किमी की देखरेख की जिम्मेदारी है। यहां सबसे ज़्यादा संवेदनशील इलाका श्रीगंगानगर और बीकानेर का है, जो पाकिस्तान के बहावलपुर के ठीक सामने पड़ता है। बहावलपुर में जैश ए मोहम्मद का हेडक्वॉर्टर है और यहाँ पर भी पाकिस्तान  ने ड्रोन के जरिए कईबार सुरक्षाबलों की हर एक पोज़ीशन की टोह लेने की कोशिश की है।

इसके अलावा पाकिस्तानी ISI अपने जासूसों की मदद से स्वीकारना नगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर के अलग-अलग इलाकों में जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश में लगी रहती है। यहां पर रियायत की बड़े बड़े पहाड़ है जिसे Sand Dues कहते हैं, जहां पर गर्मियों में तापमान 50 डिग्री से भी ज़्यादा पहुंच जाता है। इन इलाकों में बीएसएफ को यूएवी की सबसे ज्यादा जरूरत है।

बालाकोट के बाद से पाकिस्तान ने इन सभी इलाकों में अपना कॉम्बैट एयर पैट्रोल बढ़ा दिया है। ऐसे में यहां अगर 10 किलोमीटर की रेंज में कोई भी पाकिस्तानी एयर क्राफ़्ट और UAV आएगा तो उसे तुरंत डिटेक्ट करने की काबीलियत एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी में होगी।

गुजरात में दलदली भूमि से घुसपैठ की कोशिश करवाता है पाक

BSF गुजरात के 740 किलोमीटर की भी सुरक्षा में चौबीसों घंटे तैनात है। यहां पर दलदली भूमि ग्रीक और कच्छ के रण इलाक़े में हैं। यहां से पाकिस्तान कई बार अपनी नाव से दलदली भूमि और नमकीन रेगिस्तान के ज़रिये घुसपैठ की कोशिश और अपने ड्रोन के जरिए पोस्टों की टोह लेने की कोशिश में लगा रहता है। इसीलिए BSF को सबसे ज्यादा जरूरत इस समय एंट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी की है।

फिलहाल BSF के पास नहीं है एंट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी

हालांकि इस समय बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के पास कोई भी एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी नहीं है और ये डायरेक्शन गृह मंत्रालय के द्वारा दिए गए हैं कि अगर सरहद के 1 हज़ार मीटर की नज़दीक कोई भी UAV या फिर कोई और एरियल टारगेट दिखता है तो उसको एयर डिफेंस मेकेनिज्म और अलग उपकरणों के ज़रिए मार गिराया जाए

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