कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर गुरुवार को हुई ‘फ्लैग मीटिंग’ के बाद बांग्लादेश के सीमा रक्षकों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टुकड़ी पर गोलियां चलायीं, जिससे एक जवान की मौत हो गई और एक जवान घायल हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ‘बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश’ (बीजीबी) के जवानों की कार्रवाई के कारण दोनों पक्षों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख वी के जौहरी ने इस संबंध में अपने बांग्लादेशी समकक्ष मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम से हॉटलाइन पर बात की। अधिकारियों के अनुसार बीजीबी के महानिदेशक ने घटना की पूरी जाँच कराने का आश्वासन दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दोनों बलों के बीच बहुत अच्छे संबंध रहे हैं और दशकों से उनके बीच कोई गोली नहीं चली है। अधिकारियों ने कहा कि यह घटना असामान्य है और स्थिति अधिक नहीं बिगड़े, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
इस घटना से नयी दिल्ली स्थित उच्च सुरक्षा प्रतिष्ठान सतर्क हो गया है। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी गृह और विदेश मंत्रालय को घटना का विवरण दे रहे हैं। बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि घटना मुर्शिदाबाद जिले में काकमारीचर सीमा चौकी पर सुबह करीब नौ बजे हुई जब मछुआरों के एक मुद्दे को सुलझाने के लिए पद्मा नदी के बीच जमीन के एक छोटे भाग ‘चर’ पर बल के जवान बीजीबी जवानों तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि समस्या तब उत्पन्न हुई जब बीजीबी जवानों ने तीन भारतीय मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर मछली पकड़ने के लिए गिरफ्तार कर लिया था। इन मछुआरों को बल द्वारा मछली पकड़ने की अनुमति दी गयी थी। इसके बाद बीजीबी ने दो मछुआरों को छोड़ दिया और उनसे कहा कि वे सीमा सुरक्षा बल को तीसरे मछुआरे के पकड़े जाने की सूचना दें।
इसके बाद सीसुब की 117 वीं बटालियन के पोस्ट कमांडर उपनिरीक्षक छह जवानों की टीम के साथ मोटर बोट पर सवार होकर मसला सुलझाने निकले। जब सीसुब की टीम बीजीबी के ‘आक्रामक’ रुख को देखकर मोटरबोट से वापस आ रही थी तब सैयद नामक एक बीजीबी जवान ने पीछे से गोली चला दी। अधिकारियों ने कहा कि बीजीबी सैनिक ने अपनी एके-47 राइफल से गोली चलाई जो सीसुब के हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह के सिर में लगी जिसके कारण तत्काल उनकी मृत्यु हो गयी।
इस हमले में कांस्टेबल राजवीर यादव हाथ में गोली लगने के कारण घायल हो गए। सीसुब के मृत जवान विजयभान सिंह (51) उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के चमरौली गांव के निवासी थे। सन 1990 में सीसुब में भर्ती होने वाले सिंह के परिवार में उनकी पत्नी और दो पुत्र हैं। बीजीबी की हिरासत में मछुआरे की पहचान शिरोचर गांव के प्रणब मंडल के रूप में की गयी है।
सीसुब के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुँच कर स्थिति का जायजा लिया। दोनों बलों की साल में दो बार बैठक होती है और पिछली बार महानिदेशक स्तर की बातचीत इस साल जून में ढाका में पिलखाना स्थित बीजीबी मुख्यालय में हुई थी। इस घटना के आलोक में 4,096 किमी लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।