नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल से सटे बांग्लादेश की सीमा से एक खौफनाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। गोतस्करों ने उफनती नदी में गायों के गले में लॉकेट बम डालकर तस्करी की कोशिश की ताकि बीएसएफ के जवान जब इन गायों को पक़ड़ें तब वो घायल हो जाएं लेकिन स्मगलरों की ये साजिश नाकाम हो गई। मुर्शिदाबाद में सीमा चौकी हरुडांगा में बीएसएफ के जवान केले के पौधों से बंधे एक मवेशियों को बाहर खींचने के लिए गंगा की एक सहायक नदी में उतरे और उन्होंने पाया कि उस पशु के गले में बम बंधा था।
दरअसल हर साल बरसात के दौरान उफनती नदी के जरिए हजारों गायों को बांग्लादेश के कत्लखानों तक पहुंचाया जाता रहा है। पिछले 24 जुलाई की रात को जैसे ही बीएसएफ जवानों की नजर इन गायों पर पड़ी तब इन्हें पकड़ने की कोशिश की गई लेकिन तभी कुछ गायों के पास ब्लास्ट होने लगा। जवान कुछ समझ नहीं पाए लेकिन जब ध्यान से देखा तो पता चला कि गायों के गले में तस्करों ने आईईडी विस्फोटक लगा रखा था ताकि बीएसएफ के जांबाज जवान घायल हो जाएं।
बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक गौ तस्करों ने पहली बार ऐसी साजिश को अंजाम दिया है। बांग्लादेश बॉर्डर पर बीएसएफ ने ऐसी सैकड़ों गायों को पकड़ा है जिनके गले में केले के तने में छिपाकर आईईडी विस्फोटक लगाया गया था। गौ तस्करों का मकसद बीएसएफ जवानों को डराना था लेकिन इससे उलट उन्होंने जान पर खेलते हुए गायों को बचाकर अपने कब्जे में ले लिया। इस तरह से जवानों ने कुल 365 मवेशियों को बचाया है।
बाढ़ के दौरान असम और बंगाल की सीमा में गौ तस्करी तेज हो जाती है क्योंकि बाढ़ की वजह से गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियां उफान पर होती हैं। केले के तने में बाधंकर गायों को इन्हीं नदियों में बहा दिया जाता है। बाढ़ से उफनती नदी में गायें जल्दी बॉर्डर पार पहुंच जाती हैं और बांग्लादेश की सरहद में बैठे गो-तस्कर इन गायों को बाहर निकाल लेते हैं लेकिन इस बार केले के सहारे तैरती इन गायों को बीएसएफ के जवानों ने बचा लिया।
बम मिलने के बाद अधिकारियों ने जवानों को निर्देश दिए हैं कि अगर उन्हें कोई पशु इस तरह से रस्सी से बंधा मिले तो उसे पकड़ने से पहले सावधानी बरतें। एक अधिकारी ने कहा कि यह किसी खदान की तरह है जिस पर सैनिकों को अंधेरे में चलना पड़ता है। कुछ हफ्ते पहले बांग्लादेशी तस्करों ने एक बीएसएफ जवान पर कच्चे बम फेंके, जिससे जवान का दाहिना हाथ उड़ गया था। बीएसएफ के एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि हमारे ठोस प्रयासों के कारण अपराधी निराश हो रहे हैं। बड़े सशस्त्र समूह हमारे गश्ती दलों को घेरने और उन पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि भारत के साथ बांग्लादेश की सीमा करीब 4096 किलोमीटर लंबी है। इसमें से पश्चिम बंगाल में ही 2216 किलोमीटर का इलाका पड़ता है जबकि असम में बांग्लादेश से लगती सरहद करीब 263 किलोमीटर है। बंगाल और असम से ही सबसे ज्यादा गायों की तस्करी की जाती है। बंगाल के धुलियान में गंगा बांग्लादेश में एंट्री कररती है, वहीं ब्रह्मपुत्र असम के धुबरी जिले से बांग्लादेश में प्रवेश करती है।