नई दिल्ली: सीमा सुरक्षाबल (BSF) के प्रमुख ने आज कहा कि देश में फिलहाल करीब 36,000 रोहिंग्या हैं और बल ने भारत में उनके अवैध प्रवेश के विरुद्ध अपनी चौकसी तेज कर दी है क्योंकि आतंकवादी संगठनों के साथ उनके संबंध होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। ढाई लाख कर्मियों वाले इस बल के महानिदेशक के.के. शर्मा ने कहा कि उनके जवानों ने इस साल के प्रारंभ से लेकर 31 अक्टूबर तक भारत बांग्ला सीमा पर 87 रोहिंग्याओं को पकड़ा है और 76 वापस भेज दिये गये हैं।
बीएसएस के एक दिसंबर के स्थापना दिवस से पहले शर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘जहां तक मेरी जानकारी है, करीब 36,000 रोहिंग्या देश में विभिन्न स्थानों पर हैं...... यह उन सामान्य जानकारियों में है और उन सूचनाओं पर आधारित है जो हमें अपनी सहयोगी एजेंसियों (पुलिस और खुफिया) से हमें मिलीं।’’
उन्होंने कहा कि वैसे तो बीएसएफ के सामने कोई ऐसा विशेष मामला नहीं है जहां उन्होंने किसी रोहिंग्या को हथियारों के साथ पकड़ा हो या उसका आतंकवादी संबंध हो। शर्मा ने कहा, ‘‘लेकिन, यह खतरा कि उनका आतंकी संगठनों के साथ संबंध है, बहुत गंभीर है और हमारी सहयोगी एजेंसियों ने ऐसी सूचनाएं दी हैं जिन पर मैं संदेह नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा कि बीएसएफ रोहिंग्याओं को वापस भेज देता है और उन्हें गिरफ्तार नहीं करता क्योंकि ऐसे में वे बोझ बन जायेंगे। शर्मा ने कहा, ‘‘हमारा क्षेत्राधिकार बिल्कुल स्पष्ट है कि हम भारत में कोई अवैध आव्रजन नहीं होने देते हैं चाहे वह रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी।’’
संवाददाता सम्मेलन में जारी बीएसएफ के एक सरकारी नोट के अनुसार एजेंट रोहिंग्याओं को भारत में अच्छे रोजगार का लालच देते हैं और उन्हें इस बात के लिए उत्साहित करते हैं कि वे जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों में अपने मुसलमान भाइयों के साथ ही काम करेंगे। ज्यादातर रोहिंग्या जम्मू इसलिए जाते हैं क्योंकि कुछ साल से कुछ रोहिंग्या पहले से वहां ठहरे हुए हैं।