नई दिल्ली। चीन से तनातनी के बीच सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 7 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच 43 महत्वपूर्ण ब्रिज का निर्माण कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में 10, लद्दाख में 7, हिमाचल प्रदेश में 2, पंजाब में 4, उत्तराखंड में 8, अरुणाचल प्रदेश में 8, सिक्किम में 4 राष्ट्र को समर्पित पुल बनकर तैयार हो गए हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार (24 सितंबर) को सुबह 10.30 बजे तवांग के लिए जाने वाली सड़क पर नेचिपु सुरंग का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे।
इन पुलों की मदद से लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की तैनाती में सहूलियत होगी और साथ में सीमा पर तैनात सैनिकों की मदद के लिए हथियार और अन्य सामग्री आसानी से पहुंचाई जा सकेगी। इसके अलावा इन पुलों से स्थानीय लोगों को भी लाभ मिलेगा।
कई सालों तक देश का बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर रहा है, जिस वजह से सीमा पर सैनिकों और हथियारों को जल्द से जल्द पहुंचाने में परेशानी होती थी। लेकिन मौजूदा सरकार ने बॉर्डर पर सड़क और पुलों के निर्माण पर जोर दिया है और पहले के मुकाबले बजट दोगुना बढ़ाया है। इसका फायदा ये हुआ है कि देश की सीमाओं पर सड़क और पुलों का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से तैयार हुआ है।
बता दें कि, चीन से तनातनी के बीच सामरिक महत्व की हिमाचल प्रदेश में बनी अटल टनल रोहतांग का लोकार्पण भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी तीन अक्टूबर को करने जा रहे हैं। इस पुल के बन जाने से भारतीय सेना भारी मशीनरी चीन सीमा तक आसानी से पहुंचा सकती है।
बताते चलें कि, भारत और चीन के बीच सीमा पर अप्रैल माह से विवाद जारी है। जून मध्य में मामला उस वक्त और बढ़ गया जब लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना आमने-सामने आ गई थीं। हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों को जान गंवानी पड़ी। वहीं, चीन के भी दर्जनों सैनिक हताहत हुए लेकिन चीन ने अपने मरने वाले सैनिकों के बारे में अभी तक कुछ नहीं बताया है। घटना के बाद सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कई बार कोर कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन हर बार बेनतीजा रही है।