नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करने का सम्मान देने के लिए संगठन से जुड़े देशों को धन्यवाद दिया। इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा उपस्थित हैं। शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया और कहा कि अमेरिका और इसके सहयोगियों का अफगानिस्तान से जाने से एक नया संकट पैदा हो गया है।
व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "अमेरिका और इसके सहयोगियों का अफगानिस्तान से जाने से एक नया संकट पैदा हो गया है। यह अभी तक साफ नहीं है कि इससे वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा पर कैसा असर होगा। रूस ने हमेशा अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की बात कही है। इस देश को दशकों तक लड़ाई का सामना करना पड़ा। अफगानिस्तान अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा न बने और यह आतंकवाद तथा नशे की तस्करी का केंद्र न बने।"
इससे पहले 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुनी है, वह यही प्राथमिकता दर्शाती है। हाल ही में पहले ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन का आयोजन हुआ। तकनीक की मदद से स्वास्थ्य तक पहुंच बढ़ाने के लिए यह एक नया कदम है। साथ ही उन्होंने कहा, हमने काउंटर टेरेरिज्म का प्लान बनाया है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे।
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