जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को और बेतर बनाने में औद्योगिक प्रौद्योगिकी, कौशल विकास तथा बहुपक्षीय सहयोग के महत्व को आज रेखांकित किया। मोदी ने जोहानिसबर्ग आज ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि दुनिया में विकसित की जा रही नई औद्योगिक प्रौद्योगिकी तथा परस्पर संपक्र के डिजिटल तरीके हमारे लिए अवसर के साथ साथ चुनौती भी है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये कल यहां पहुंचे प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तन बेहतर सेवा डिलीवरी और उत्पादकता स्तर को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। मोदी ने कहा कि नई प्रणालियों और नए उत्पादों से आर्थिक प्रगति के नये रास्ते खुलेंगे।
अपने संबोधन के बाद मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ब्रिक्स के साथी नेताओं के साथ सत्र में मैंने विभिन्न वैश्विक मुद्दों, प्रौद्योगिकी के महत्व, कौशल विकास तथा प्रभावी बहुपक्षीय सहयोग के जरिये दुनिया को और अच्छा बनाने के मुद्दों पर अपने विचार साझा किये।’’ उन्होंने कहा कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल प्रौद्योगिकी आधारित विनिर्माण) के लिये ब्रिक्स देशों के साथ काम करना चाहता है। उन्होंने इस क्षेत्र में बेहतर तरीकों और नीतियों को आपस में साझा किए जाने का भी आह्वान किया।
पीएम मोदी ने कहा कि देशों को चौथी औद्योगिक क्रांति के परिणाम के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए जिसका विभिन्न देशों के लोगों एवं अर्थव्यस्थाओं पर दूरगामी प्रभाव होगा। उन्होंने ने कहा, ‘‘भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर काम करना चाहता है और सभी देशों को इस संदर्भ में इस क्षेत्र में बेहतर तौर तरीकों और नीतियों को साझा करने का आह्वान किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कानून के अनुपालन के साथ प्रौद्योगिकी के जरिये सामाजिक सुरक्षा तथा सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को सीधे भुगतान इसका एक उदाहरण है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति का पूंजी के मुकाबले अधिक महत्व होगा। उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में रोजगार के लिए अधिक कौशल की जरूरत होगी, साथ ही रोजगार का स्वरूप अस्थायी होगा। इसी तरह औद्योगिक उत्पादन, डिजाइन और विनिर्माण प्रक्रिया में आमूल-चूल बदलाव होगा।’’
पीएम मोदी ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों के लिये ऐसे पाठ्यक्रम सृजित करने की जरूरत को रेखांकित किया ताकि वे युवाओं को भविष्य की जरूरतों के लिये तैयार कर सकें।