गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल में करीब पांच दिनों में सेफेलाइटिस और कथित तौर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के कारण 63 बच्चों की मौत हो गई। घटना के बाद अस्पताल के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। राजीव मिश्रा पर सरकार ने लापरवाही का आरोप लगाया है। इस बीच अस्पताल में शनिवार देर रात तक नौ मासूमों सहित 12 लोगों की और मौत हो गई। (गोरखपुर त्रासदी: हालात पर नजर बनाए हुए हैं PM मोदी, केंद्र ने मांगी यूपी सरकार से रिपोर्ट)
हादसे की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को घटना की जानकारी लेने गोरखपुर भेजा। अस्पताल में 10 अगस्त शाम करीब 7:30 बजे ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आईं। यह बात तब सामने आई जब मरीजों को सेंट्रल सिस्टम से सिलिंडरों पर शिफ्ट किया जाने लगा। इसके बाद सिलिंडर भी खत्म होने लगे। इसके बाद मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर चलाने के लिए हैंड पंप जैसे इमरजेंसी कदम उठाने पड़े। सिलिंडरों की सप्लाई रात करीब 11:30 बजे शुरू हो पाई और हालात देर रात करीब डेढ़ बजे जाकर स्थिर हुए।
केंद्र सरकार ने शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार से बच्चों की मौतों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से कहा गया, "प्रधानमंत्री गोरखपुर में हालात पर नजर बनाए हुए हैं। वह केंद्र तथा उत्तर प्रदेश सरकारों के अधिकारियों के संपर्क में हैं।" एक अन्य ट्वीट के मुताबिक, "केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और स्वास्थ्य सचिव गोरखपुर में हालात का जायजा लेने जाएंगे।"