श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के करीब बसे गांवों में रहने वाले लोग इलाके में पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी की वजह से अपना घर-बार छोड़ कर सुरक्षित स्थानों का रूख करने लगे हैं।
अधिकारियों ने आज बताया कि सोमवार से थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा नियमित तौर पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने की वजह से सिलीकोट, बालकोट, तिलवाड़ी, चुरांडा और बाटगढ़ के निवासियों ने आज तड़के से अपना घर छोड़ना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि सरहदी गांवों से विस्थापित इन लोगों को उरी शहर में सरकारी कन्या उच्चर माध्यमिक स्कूल में अस्थायी शिविरों में रखा जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन विस्थापितों का पंजीकरण कर रहा है और उन्हें सुविधा मुहैया करा रहा है। निवासियों ने मांग की है कि सरकार सुनिश्चित करे कि संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं हो या सुरक्षित स्थानों पर इन लोगों का पुनर्वास करे जहां वे बिना डर के रह सकें।
अस्थायी शिविर में रहने को मजबूर गुलाम मोहम्मद मीर ने कहा, ‘‘हम भारत और पाकिस्तान की सरकारों से चाहते हैं कि वे संघर्ष विराम का उल्लंघन बंद करें, क्योंकि इसने हमारी जिंदगियों को मुश्किल बना दिया है। अगर सरहद पर गोलाबारी और गोलीबारी जारी रहती है तो राज्य सरकार को हमें सुरक्षित स्थानों पर पांच मारला का प्लॉट देना चाहिए ताकि हम अमन चैन से रह सकें।’’
इससे पहले सोमवार को पाकिस्तानी गोलीबारी के मद्देनजर थजाल और सोनी के निवासियों को पुलिस सुरक्षित स्थानों पर लेकर गई। पाकिस्तानी सैनिकों ने उरी सेक्टर में पहले सोमवार को और फिर बुधवार तथा गुरूवार को संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था। हालांकि उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर कल से शांति है।