मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने गणपति विसर्जन और आगामी नवरात्रि उत्सव के दौरान डीजे और डॉल्बी साउंड जैसे हाई टेक साउंड एम्प्लीफाइंग सिस्टम्स के इस्तेमाल पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। गणेश उत्सव रविवार को राज्यभर में विसर्जन जुलूस के साथ समाप्त होगा।
न्यायमूर्ति शांतनु केमकर और न्यायमूर्ति सारंग कोटवाल की खंडपीठ ने प्रोफेशनल ऑडियो एंड लाइटिंग एसोसिएशन (पीएएलए) की अंतरिम राहत वाली याचिका को खारिज कर दिया। पीएएलए ने साउंड एम्प्लीफाइंग सिस्टम्स पर प्रतिबंध को चुनौती दी है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि एसोसिएशन यह साबित करने में नाकाम रही कि ऐसे ऑडियो सिस्टम्स का मंजूर ध्वनि सीमा का उल्लंघन किए बिना इस्तेमाल किया जा सकता है। पीठ ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार द्वारा पेश की गई दलीलों पर विचार किया जिसमें महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकणी ने कहा था कि डीजे और डॉल्बी ऑडियो सिस्टम्स ध्वनि प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं।
कुम्भकणी ने कहा कि जब डीजे या डॉल्बी सिस्टम बजना शुरू होता है तो ध्वनि का स्तर 100 डेसीबल के पार चला जाता है जो कि ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 के तहत मंजूरी सीमा से कहीं अधिक है। अदालत ने कहा, ‘‘हम याचिकाकर्ता की इस दलील को स्वीकार नहीं कर सकते कि शहर में ध्वनि का स्तर पहले ही मंजूर स्तर से ज्यादा है और डीजे सिस्टम्स से थोड़ा ही शोर बढ़ेगा इसलिए इसे अनुमति दी जानी चाहिए।’’
अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से याचिका का विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए कहा।