मुस्लिम बोहरा समुदाय में छोटी बच्चियों के गुप्तांग (clitoris) की सुन्नत की यह प्रक्रिया औरतों के लिए एक अभिशाप है। इस प्रक्रिया में औरतें छोटी बच्चियों के हाथ-पैर पकड़ते हैं और फ़िर clitoris पर मुल्तानी लगाकर वह हिस्सा काट दिया जाता है। औरतों की ख़तना का यह रिवाज अफ्रीकी देशों के कबायली समुदायों में भी प्रचलित है लेकिन अब भारत में भी ये शुरू हो गया है। अफ्रीका में यह मिस्र, केन्या, यूगांडा जैसे देशों में सदियों से चली आ रही है। ऐसा कहा जाता है कि ख़तना से औरतों की मासित धर्म और प्रसव पीड़ा को कम करती है। ख़तना के बाद बच्चियां दर्द से कईं महीनों तक जूझती रहती हैं और कई की तो संक्रमण फ़ैलने के कारण मौत भी हो जाती है।
क्या है इसका दुष्परिणाम?
इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम यह है कि इसे करवाने से शादी के बाद पति से भी सेक्स संबंध बनाने में लड़की की रूचि लगभग ख़त्म हो जाती है। सहवास के दौरान उसे बहुत तकलीफ होती है जिस वजह से उसे इसमें कोई आनंद नहीं आता है।