नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय सेना ने युद्ध की आपात स्थिती के लिए अपनी बोफोर्स हॉवित्जर तोप को ऑपरेशन के लिए तैयार कर रहा है। बोफोर्स तोप को 1980 के दशक के मध्य में तोपखाने की रेजिमेंट में शामिल किया गया था। यह कम और उच्च दूरी पर फायरिंग करने में सक्षम है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, लद्दाख में सेना के इंजीनियरों को बोफोर्स तोप की सर्विस करते देखा गया, जिसपर उन्होंने कहा था कि यह कुछ दिनों में दहाड़ने के लिए तैयार हो जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार बोफोर्स हॉवित्जर तोप की समय-समय पर सर्विसिंग और रखरखाव की जरुरत पड़ती है जिसके लिए इसे काम करने के लिए तकनीशियनों को तैनात किया गया है। भारतीय सेना को बोफोर्स के कारण जम्मू और कश्मीर के द्रास में ऑपरेशन विजय के कई युद्ध जीतने में मदद मिली थी। वर्कशॉप में सेना के इंजीनियर विषम परिस्थितियों में आवश्यक ऐसे सभी हथियारों को बनाए रखने और उनकी सेवा करने के लिए जिम्मेदार हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीति कंवर ने आगे के क्षेत्रों में सर्विसिंग और रखरखाव के संबंध में सेना की तैयारी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि टैंक के इंजन की असेंबलिंग से लेकर तकनीकी स्टोर समूह को सबकुछ मुहैया कराना है। बोफोर्स तोपों ने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के ऊंची पहाड़ी पर बने बंकरों और ठिकानों को आसानी से नष्ट कर दिया था जिससे पाक सेना को भारी नुकसान पहुंचाया और उसे घुटने टेकने पर मजबुर कर दिया था जिससे भारत की जीत हुई थी।