देहरादून: कश्मीर घाटी में आठ महीने पहले भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त के दौरान लापता हुए सेना के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का शव बरामद हो गया है। उनके परिजनों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। नेगी के चचेरे भाई दिनेश नेगी ने बताया कि जवान का शव मिलने की जानकारी उनकी बटालियन के एक अधिकारी ने उनकी पत्नी को दी है। उन्होंने बताया कि दिवंगत जवान का शव उनके लापता होने के आठ महीने के बाद शनिवार को कश्मीर के गुलमर्ग के जंगलों में बरामद हुआ।
इससे पहले माना जा रहा था कि 11वीं गढवाल राइफल्स में तैनात नेगी आठ जनवरी को आए बर्फीले तूफान के दौरान फिसलकर पाकिस्तान की तरफ गिर गए। सेना ने नेगी का पता लगाने का काफी प्रयास किया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलने पर इस साल मई में उन्हें 'शहीद' का दर्जा देते हुए मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि, शनिवार को गुलमर्ग क्षेत्र से एक शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी के रूप में हुई। नेगी मूल रूप से चमोली जिले के आदिबद्री तहसील के पजियाणा गांव के रहने वाले थे।
परिजनों ने बताया कि दिवंगत नेगी के शव की कोविड-19 जांच सहित सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं और 18 या 19 अगस्त तक उनका शव देहरादून पहुंचेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार की देर रात सोशल मीडिया पर किये गये पोस्ट में जवान को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह उन्हें सैल्यूट करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान परिवार को इस कठिन समय को सहन करने की शक्ति दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उनके परिजनों के साथ खड़ी है।