नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन दो महीने से ज्यादा समय से जारी है। मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन न सिर्फ दिल्ली की सीमा पर बल्कि देश में कई और जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। शुरुआत में किसान संगठनों का ये आंदोलन मुख्य रूप से पंजाब के संगठनों का आंदोलन कहा जा रहा था, जिसे परोक्ष रूप से कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल था, लेकिन अब ये आंदोलन लगातार फैल रहा है। पंजाब के बाद हरियाणा, पश्चिमी यूपी और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में लोग इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। इन लोगों में एक बड़ा तबका जाट समाज का है, जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहद चिंतित है।
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BJP ने की अहम बैठक
इस विषय को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डू और गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा मुख्यालय पर एक अहम बैठक की, जिसमें ये तय किया गया कि जाटों को समझाने के लिए पार्टी अपनी पूरी ताक झोंक देगी। जाटों के बीच कृषि कानूनों को लेकर कोई नाराजगी न फैले औज जो असंतोष पैदा हुआ है वो खत्म हो इसके लिए भारतीय जनता पार्टी पंचायत स्तर पर काम करेगी और अफवाहों व भ्रम से मुकाबला करेगी। अमित शाह और नड्डा के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा पश्चिम यूपी ,हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के नेता शामिल हुए। करीब ढ़ाई घंटे चली इस मीटिंग में 10 सांसद और 26 विधायक भी थे।पढ़ें- तस्वीरें: लद्दाख में पैंगोंग झील के पास से वापस लौटते चीन के सैनिक
40 सीटों पर पड़ सकता है असर
बैठक में अमित शाह ने कहा कि लोकसभा की 40 सीटों पर जाटों की नाराजगी का असर पड़ सकता है,अगर किसान कानूनों को लेकर जाटों में नाराजगी हुई तो जाटों के बीच नाराजगी फैलने से रोकना जरूरी है। बैठक में शाह ने कहा कि जो लोग जाट वोट के समर्थन से चुनाव जीते हैं अगर जाट नाराज हुए तो उनका चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए बेहतर है कि कृषि कानूनों पर भ्रम ना फैलने दें और कानून के सही पक्ष को बताने के लिए जनता के बीच काम करें। भ्रम फैलाने की हर कोशिश का जवाब दें।
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बुकलेट, पम्पलेट और सभा से किसानों को समझाएगी सरकार
अमित शाह ने बैठक में शामिल हुए सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं से कहा कि पंचायत स्तर पर अफवाहों और भ्रम से मुकाबला करें। बुकलेट, पम्पलेट, सभा आदि के मार्फत कानून के बारे में बताएं। अमित शाह ने कहा कि जो आंदोलन हो रहे है वो वामपंथी विचारधारा के लोग कर रहे है, ऐसे लोगों ने सीएए को लेकर भी ऐसा ही भ्रम फैलाया था। इसका काउंटर सक्रियता से करना जरूरी है। अमित शाह ने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए बेहतर हैं और यह किसानों को बताना जरूरी है। बैठक में जेपी नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हित में लगातार फैसले लिए हैं और किसानों के बीच फैलनेवाले किसी भ्रम का जवाब देने के लिए संगठन के लोग ग्राउंड पर काम करें।
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जाट लैंड में भाजपा ने किया था सबका सुपड़ा साफ
दरअसल हिंदू जाट, न सिर्फ हरियाणा बल्कि पश्चिमी यूपी और राजस्थान में बड़ी तादाद में है। लोकसभा चुनाव में तो इस समुदाय का इन तीनों प्रदेशों में पिछले दो चुनाव में खुलकर समर्थन हासिल हुआ है। हरियाणा में भाजपा ने सभी 10 लोकसभा सीटें जीती थी, राजस्थान में सभी जाट प्रभाव वाली सीटों पर भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन किया और यूपी में कभी जाटों के एकमात्र नेता कहे जाने वाले अजित सिंह और उनके बेटे जयंत सपा-बसपा से गठबंधन होने के बावजूद भी चुनाव हार गए। लेकिन राकेश टिकैत की आंखों में आंसू आने के बाद किसान आंदोलन को लेकर बड़ी तादाद में जाट समाज के लोग गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। अन्य प्रदर्शन स्थलों पर भी जाट युवाओं की संख्या अच्छी-खासी है, जो भाजपा की चिंता बढ़ा रहा है।