मुंबई: महाराष्ट्र की दो लोकसभा सीटों पर 28 मई को हुए उपचुनाव के साथ शुरू हुई बीजेपी शिवसेना के बीच चुनावी खींचतान वोटिंग के बाद भी खत्म होती नहीं दिख रही है। पालघर और भंडारा-गोंदिया उपचुनावों के दौरान ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में आयी खराबी को लेकर शिवसेना ने निर्वाचन आयोग के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। चुनाव आयोग पर हमला करते हुए शिवसेना ने कहा है कि ‘‘सत्ताधारियों ने चुनाव आयोग, चुनाव और लोकतंत्र को अपनी रखैल बना रखा है। ’’ केंद्र सरकार, राज्य सरकार और बीएमसी में बीजेपी की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने भाजपा के खिलाफ तीखे हमले करते कहा कि अपनी ‘‘ तानाशाही प्रवृत्तिवाला ’’ के चलते चुनावी फायदे के लिए बीजेपी ने ईवीएम खराब किये हैं।
सामना के संपादकीय में बीजेपी के खिलाफ जमकर निकाली भड़ास
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘ सामना ’ के संपादकीय के जरिए चेतावनी दी है कि अगर चुनावी प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठ गया है वह प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए घातक है। लेख में लिखा है , ‘‘ हिंदुस्तान दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है , ऐसा डंका पीटने का अब कोई अर्थ नहीं रह गया है। ईवीएम ने हमारे लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी हैं। वर्तमान तानाशाही , भीड़तंत्र की प्रवृत्ति वाले सत्ताधारियों ने लोकतंत्र को खुद की रखैल बना रखा है। ’’
उसने आरोप लगाया , ‘‘ भाजपा वालों ने ईवीएम को भ्रष्ट कर खुद के लिए इस्तेमाल की गयी मशीनरी बना लिया है। इसलिए चुनाव और चुनाव आयोग का मतलब पीला हाउस के जंग लगी कोठियों की तवायफ बन गया है। ’’ महाराष्ट्र के भंडारा - गोंदिया और पालघर लोकसभा उपचुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में आयी तकनीकी खराबी की शिकायतों का हवाला देते हुए शिवसेना ने कहा , लेकिन इसे क्या कहें ? ईवीएम की मनमानी पर या मेहरबानी पर हमारी चुनावी मशीनरी सांस ले रही है। लोकतंत्र में एक - एक वोट का मोल है। लेकिन हजारों मतदाता घंटों लाइन में खड़े होने के बाद ‘ बोर ’ होकर मतदान केन्द्र से वापस लौट जाते हैं।
सामना ने लिखा है , ‘‘ वर्तमान चुनाव आयोग और उनकी मशीनरी सत्ताधारियों की चाटुकार बन गई है। इसलिए वे चुनाव में किये जाने वाले शराब के वितरण , पैसे के वितरण , सत्ताधरियों की तानाशाही , धमकी भरे भाषणों के खिलाफ शिकायत लेने को तैयार नहीं हैं। ’’ पार्टी ने गर्मी के कारण ईवीएम में खराबी आने की बात को लेकर चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर भी चुटकी ली। उसने लिखा है , ‘‘ हिंदुस्तान का मौसम और तापमान बदलता रहता है लेकिन तापमान बढने से प्रधानमंत्री का हवाई जहाज बंद होने का उदाहरण नहीं मिलता। तापमान के कारण भाजपा की मशीनरी का तेजी से दौड़ता हुआ सोशल मीडिया का कंप्यूटर बंद नहीं पड़ता , सिर्फ ईवीएम कैसे बंद हो जाती है ?’’
संपादकीय में लिखा है , ‘‘ इतने वर्षों से ईवीएम ‘ भेल ’ कंपनी या केन्द्रीय चुनाव आयोग से मंगाई जाती थी। इस बार चुनाव के लिए ये मशीनें सूरत की एक निजी कंपनी द्वारा मंगाई गई। ’’ ईवीएम में कथित सेटिंग को भाजपा की जीत का कारण बताते हुए सामना ने लिखा है , ‘‘ भारतीय जनता पार्टी और उसके कामकाज के प्रति जनता में रोष है। इसके बावजूद वे जीत रहे हैं। इसके पीछे ईवीएम की सेटिंग है। ’’
शिवसेना का कहना है , ‘‘ फिलहाल हमारा चुनाव आयोग सेव - गाठिया तथा ढोकला खाकर सुस्त पड़ गया है। उसे घोटाले नहीं दिखाई देते। उसे शिकायतें नहीं सुनाई पड़तीं। ’’ प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए ‘ सामना ’ ने लिखा है , ‘‘ रूस के पुतिन तथा चीन के शी चिनफिंग ने उम्र भर सत्ता में रहने की व्यवस्था लोकतांत्रिक तरीके से कर ली है। हिंदुस्तान में वैसी ही तैयारी शुरू हो गई है , पर वह संभव नहीं है। ’’