कोलकाता: पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोहों में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद भाजपा और विश्व हिंदू परिषद( विहिप) ने आज हनुमान जयंती के अवसर पर राज्य में कोई बड़ी रैली निकालने से इनकार किया है। भाजपा और विहिप की प्रदेश इकाई दोनों ने फैसला किया है कि वे हनुमान जयंती के दौरान अपने कार्यक्रमों को मंदिरों एवं स्थानीय क्लबों तक ही सीमित रखेंगे। विहिप के प्रदेश अध्यक्ष सचिंद्रनाथ सिंघा ने कहा कि यदि बड़ी रैलियां निकाली गईं तो इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले हफ्ते ही हमने रामनवमी पर भव्य समारोहों का आयोजन किया जिसमें कुछ जगहों पर हिंसा हुई। अब हनुमान जयंती पर रैलियां निकालने से गलत संदेश जाएगा।’’
विहिप नेता ने कहा कि मंदिरों एवं मठों तक ही इन कार्यक्रमों को सीमित रखा जाएगा और इन्हें ज्यादा प्रचारित नहीं किया जाएगा। भाजपा के प्रदेश महासचिव सयंतन बसु ने कहा कि उनकी पार्टी हनुमान जयंती के अवसर पर कोई रैली नहीं निकालेगी बल्कि स्थानीय क्लबों की ओर से आयोजित कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ बंगाल में हनुमान जयंती रामनवमी की तरह लोकप्रिय नहीं है और हम कोई रैली आयोजित नहीं करेंगे। कई त्योहार होते हैं। सभी को बड़े पैमाने पर मनाना संभव नहीं है।’’ दूसरी ओर, बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस समूचे राज्य के अलग- अलग हिस्सों में हनुमान जयंती मनाएगी। तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘ त्योहार मनाने के लिए हम कुछ कार्यक्रम आयोजित करेंगे।’’
रानीगंज में रामनवमी के अवसर पर निकाली गई रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समूहों के बीच हुई झड़पों के बाद पश्चिम वर्धमान जिले के आसनसोल- रानीगंज इलाके के पांच पुलिस थाना क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई और इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गईं। हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि दो पुलिस अधिकारी जख्मी हो गए थे। रविवार को रामनवमी समारोहों को लेकर पुरुलिया में दो समूहों के बीच हुई झड़प की एक अन्य घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार जख्मी हो गए थे।