नई दिल्ली: झारखंड के धनबाद में जिला एंव सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की ऑटो से टक्कर के बाद हुई मृत्यु का मामला अब राजनीतिक रूप लेने लगा है। भारतीय जनता पार्टी ने जज की मृत्यु को हत्या बताया है और सीबीआई से इसकी जांच की मांग की है। झारखंड भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने इंडिया टीवी से कहा कि झारखंड सरकार ने इस मामले में जो गिरफ्तारी की है वह सिर्फ खानापूर्ति है और राज्य सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए सिफारिश करनी चाहिए।
दीपक प्रकाश ने इंडिया टीवी से कहा, "झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार कानून व्यवस्था में विफल सरकार, लचर सरकार है और आम आदमी परेशान है। कानून व्यवस्था को लेकर अब तो न्यायधीश भी सुरक्षित नहीं है, जिस प्रकार से धनबाद की घटना घटी है उसपर सरकार मूक दर्शक बनकर खड़ी है, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। पुलिस की गिरफ्तारी सिर्फ खानापूर्ति है, इसकी जांच होनी चाहिए किन कारणों से किस परिस्थिति में हत्या हुई है, सीबीआई से जांच होनी चाहिए राज्य सरकार तुरंत इसपर अनुशंसा करे।"
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। शहर के रणधीर वर्मा चौक पर वे सड़क के किनारे जा रहे थे। इसी बीच तेज गति से आ रहे एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी। पहले तो यह घटना एक सड़क हादसे का लग रहा था। लेकिन जब इस घटना की सीसीटीवी फुटेज सामने आई तो ये हादसा नहीं बल्कि एक साजिश नजर आ रहा है। सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि सड़क सुनसान थी और जज उत्तम आनंद सड़क के किनारे से जा रहे थे। अचानक ऑटो तेज गति से चलते हुए बाएं की तरफ मुड़ता है और जज उत्तम आनंद को टक्कर मारकर तेजी से निकल भागता है।
हालांकि पुलिस ने ऑटो को गिरीडीह से बरामद कर लिया है। इस ऑटो में बैठे दो लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह हादसा है या फिर सोची-समझी गहरी साजिश।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने चीफ जस्टिस से स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था। लेकिन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि उन्होंने झारखंड के चीफ जस्टिस से आज सुबह इस मुद्दे पर बात की है। उन्होंने इसपर स्वत: संज्ञान लिया है। विकास सिंह ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला बताया।