नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया है कि लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत का अंतर इस बार 'विपक्ष के कई नेताओं के लिए झटका साबित होगा।' इस सप्ताहांत इंडिया टीवी पर प्रसारित होनेवाले शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, 'मैं विपक्ष के नेताओं से कहना चाहता हूं कि अभी हमारा पीक (शिखर) पर पहुंचना बाकी है। इस बार मतगणना में हमारा वोटिंग प्रतिशत और जीत का अंतर इतना ज्यादा होगा कि कच्चे दिलवालों के दिल दहल जाएंगे। जरा कलेजा मजबूत रखिए।'
यह पूछे जानेपर कि 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन कर चुकी है, फिर इस बार कैसे आप यह दावा कर रहे हैं?अमित शाह ने कहा, 'कृपया मुझे काउंटिंग वाले दिन दोपहर एक बजे फोन करें। उत्तर प्रदेश में हमें 73 से बढ़कर 74 सीटें मिलेंगी, 72 नहीं होंगी। हमारी पार्टी के पीक (शिखर) पर पहुंचने का वक्त अभी आनेवाला है।'
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'मैंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें बंगाल, ओडिशा, केरल और आंध्रप्रदेश में सबसे बेहतर प्रदर्शन करना है, वरना हमारा काम अधूरा रहेगा। तभी हम अपना पीक (शिखर) हासिल कर सकते हैं।'
बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले पांच सालों में लाखों नौकरियों का सृजन हुआ है। उन्होंने कहा, 'मैं कोई अर्थशास्त्री नहीं हूं। पिछले पांच साल में हमें रोजगार सृजन के मामले में कोई समस्या नहीं थी। समस्या रोजगार के डेटा की व्यवस्था को लेकर थी। आप मुझे बताएं अगर रोड बनाने की गति सवा दो गुना बढ़ेगी तो जॉब क्रियेट होगा या नहीं? यदि रेलवे बनाने की गति ढाई गुना बढ़ेगी तो जॉब क्रियेट होगा या नहीं ? 2.5 करोड़ लोगों के घरों में बिजली पहुंचेगी तो जॉब क्रियेट हुआ या नहीं?'
'मुद्रा बैंक के जरिये 13 करोड़ लोगों को लोन मिलेगा तो जॉब क्रियेट होगी या नहीं? 8 करोड़ शौचालय बनेंगे तो रोजगार निर्मित होगा या नहीं? बंदरगाहों पर आवाजाही बढ़ेगी तो रोजगार बढ़ेगा या नहीं? ग्रोथ 7 प्रतिशत होने से रोजगार बढ़ेगा या नहीं? ये लोग अपनी आंख मूंदकर बैठे हुए हैं। उन्हें नहीं मालूम कि जमीन पर क्या हो रहा है? नरेंद्र मोदी देश के सवा सौ करोड़ लोगों को नौकरी नहीं दे सकते। सवा सौ करोड़ लोगों को नौकरी देंगे तो बचेगा क्या? किसपर काम करेंगे?
विपक्ष के लिए अमित शाह ने एक सवाल किया। 'विपक्ष ये बताए कि देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा। देश जानना चाहता है ये देश किसके हाथों में देंगे। क्रिकेट टीम में एक ही कप्तान हो सकता है। कैसे देश चलेगा,बताइये।'
बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा के मु्द्दे से भाग रहा है। उन्होंने कहा, 'सवाल राजनीतिक लाभ उठाने का नहीं है। क्या देश की सुरक्षा चुनाव का मुद्दा नहीं हो सकता?देश की सुरक्षा चुनाव का प्रमुख मुद्दा होना चाहिए। क्यों भागना चाहते हैं देश की सुरक्षा के मुद्दे से? देश के सवा सौ करोड़ लोग तय करेंगे कि देश को कौन सुरक्षित रखेगा?'
'10 साल तक इनकी सरकार थी, सीरियल ब्लास्ट हुए, 26/11 का आतंकी हमला हुआ, आपने कुछ नहीं किया। इसीलिए आपको हटाया गया। क्या अपेक्षा करते हैं मोदी जी से? आपकी तरह मौन बैठें? यह नहीं हो सकता,मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम रहेगी।'
एंटी सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट की टाइमिंग को लेकर पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा, 'इसमें हम समय तय नहीं कर सकते। जब ऐसे टेस्ट होते हैं तो दुनिया के देशों के बीच स्पेस को लेकर एक समय तय होता है,यह समय तीन महीने पहले तय हो चुका था। उस समय चुनाव का ऐलान हुआ नहीं था। मैं विपक्ष को बता दूं कि 2019 के चुनाव के बाद भी हम ही सरकार में रहेंगे। आपको जी जलाने की जरूरत नहीं है।'
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एएसएटी टेस्ट की घोषणा राष्ट्रीय स्तर पर संबोधन के माध्यम से करने के सवाल पर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'प्रधानमंत्री ही ऐसी घोषणा करते हैं। क्योंकि वही सत्ता का संचालन करते हैं,उन्हीं की राजनीतिक इच्छाशक्ति के आधार पर ही फैसले लिए जाते हैं और उनका क्रियान्वयन होता है।'
अमित शाह ने कहा, 'एएसएटी मिसाइल टेस्ट का प्लान 2012 में तैयार था। इसे इंप्लिमेंट करने के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए थी। वह यूपीए नेतृत्व में नहीं थी। मोदी जी कठोर फैसला लेते हैं, हिम्मतवाले फैसले लेते हैं और उस फैसले को अंजाम तक ले जाने का मोदी जी में माद्दा है।'
'देश की सुरक्षा के मामले में बीजेपी सजग, संवेदनशील और दृढ़ है। हमारा दृढ़ मानना है कि देश की सुरक्षा के मामले में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए, उसका आउटकम क्या मिलेगा, वह जनता को तय करना है।'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा न्याय (एनवाईएवाई) योजना की घोषणा पर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'श्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था हम गरीबी हटाएंगे, श्रीमति गांधी ने चुनाव में नारा दिया था-गरीबी हटाएंगे,राजीव जी ने भी यही नारा दिया था-गरीबी हटाएंगे। सोनिया जी ने भी नारा दिया था कि गरीबी हटाएंगे। अब राहुल जी भी नारा दे रहे हैं कि हम गरीबी हटाएंगे। पांच पीढ़ी से वे एक ही काम कर रहे हैं, कर नहीं पाए। अब देश को तय करना है कि पांच पीढ़ी से जो काम कर रहे थे उन्हें चुने या पांच साल से मोदी ने जो किया, उनको चुने।