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पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का बड़ा बयान, 'जम्मू-कश्मीर पर वादाखिलाफी के लिए BJP जिम्मेदार'

बीजेपी के सीनियर नेता यशवंत सिन्हा ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए हुर्रियत और पाकिस्तान सहित तमाम हितधारकों के साथ वार्ता करने का वादा तोड़ने के लिए बीजेपी को जिम्मादार ठहराया है।

IANS
Published on: July 06, 2017 23:33 IST
Yashwant sinha- India TV Hindi
Yashwant sinha

नई दिल्ली: बीजेपी के सीनियर नेता यशवंत सिन्हा ने कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए हुर्रियत और पाकिस्तान सहित तमाम हितधारकों के साथ वार्ता करने का वादा तोड़ने के लिए बीजेपी को जिम्मादार ठहराया है। उन्होंने कहा कि घाटी में मौजूदा संकट से निपटने का वार्ता ही एकमात्र उपाय है।  पूर्व मंत्री का मानना है कि किसी को केंद्र सरकार से यह बात पूछनी चाहिए कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए वार्ता का वादा करने के बाद वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन के एजेंडे से पीछे क्यों हट रही है।

सिन्हा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "हमें गठबंधन के एजेंडे के तहत किए गए वादे से मुकरने के लिए उन्हें (भाजपा) जिम्मेदार ठहराना चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सभी आंतरिक हितधारकों से बातचीत करेंगे। वाजपेयी द्वारा किए गए कार्यो की सराहना करने के बाद उन्होंने कहा था कि वे उन्हीं के पदचिन्हों पर चलेंगे। किसी को उनसे पूछना चाहिए कि आप गठबंधन के एजेंडे से पीछे क्यों हट रहे हैं?"

घाटी में पिछले साल महीनों की अशांति के बाद पूर्व विदेश व केंद्रीय वित्तमंत्री ने अलगाववादी तथा अन्य समूहों के साथ वार्ता शुरू करने के लिए देश के प्रख्यात लोगों के एक गैर राजनीतिक दल के साथ दो बार कश्मीर का दौरा किया था। महीनों की अशांति के दौरान लगभग 100 लोगों की मौत हुई और सुरक्षाबलों द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल में हजारों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। उन्होंने कहा कि समूह ने घाटी में शांति बहाल करने के लिए अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को सौंपी थीं, जहां हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा तादाद में लोग अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं।

सिन्हा ने कहा, "सबसे अहम सुझाव जो हमने दिया था, वह राष्ट्रीय सुलह पर भाजपा तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच गठबंधन के एजेंडे में किए गए वादों को पूरा करने और हुर्रियत सहित तमाम हितधारकों के साथ बातचीत शुरू करने की बात थी।" उन्होंने कहा कि कुछ सुझावों पर तो अमल किया गया, लेकिन अफसोस है कि कुछ पर अमल नहीं किया गया।

भाजपा नेता ने कहा, "मैं इस बात का श्रेय लेने का दावा नहीं कर रहा हूं कि वे सुधार हमारे कारण ही हुए हैं। उदाहरण के तौर पर आप पैलेट गन को ही लीजिए। पहले की तुलना में अब इसका इस्तेमाल न के बराबर किया जा रहा है। पैलेट के कारण लोगों की आंखों की रोशनी जाने की घटना में कमी आई है।" उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता के वादे से मुकर गई, क्योंकि कश्मीर घाटी में अब कोई वार्ता नहीं हो रही, केवल सैन्य कार्रवाई चल रही है। 

पूर्व मंत्री ने कहा कि अलगाववादियों को पाकिस्तान से पैसे मिलना कोई हैरत की बात नहीं है, क्योंकि 'यह कुछ ऐसा है, जिससे हर कोई अवगत है।' उन्होंने कहा, "उन्हें अलगाववादी इसलिए कहा गया है, क्योंकि वे अलग होना चाहते हैं। नहीं तो हम उन्हें अलगाववादी क्यों बुलाते? इसलिए उनके बारे में सबकुछ सर्वविदित है। मुझे नहीं लगता कि बीते ढाई वर्षो में ऐसा कुछ बदलाव आया है, जिसके मद्देनजर अधिकारियों को गठबंधन के एजेंडे के तहत किए गए वादे से मुकरने की जरूरत आ पड़ी है।"

सिन्हा ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान का एकमात्र तरीका बातचीत है, केवल आंतरिक हितधारकों से नहीं, बल्कि नियंत्रण रेखा के पार रहने वाले लोगों से भी, जिसका मतलब पाकिस्तान से हैं, जिसके बारे में भाजपा तथा पीडीपी ने सहमति जताई थी। 

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