नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को उनके 60वें जन्मदिन की बधाई दी। पीएम मोदी ने उन्हें एक कुशल नेता बताया। जेपी नड्डा का जन्म वर्ष 1960 में पटना में हुआ था। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ''भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी को जन्मदिन की ढेरों बधाई। उनके कुशल और प्रेरक नेतृत्व में पार्टी निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रही है। मेरी कामना है कि वे सदा स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों।'' बता दें कि जेपी नड्डा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के रहने वाले हैं लेकिन उनका जन्म बिहार में हुआ है। भारतीय जनता पार्टी संगठन में उनकी मजबूत पकड़, कुशल प्रबंधन की क्षमता, बेदाग छवि ही वह वजह है कि उन्हें दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल की कमान मिली है।
बिहार में हुआ जन्म
जगत प्रकाश नड्डा मूल रूप से तो हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं लेकिन उनका जन्म बिहार में हुआ है, जेपी नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा रांची विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर थे। बिहार की राजधानी पटना में ही 2 दिसंबर 1960 को जगत प्रकाश नड्डा का जन्म हुआ है और उनकी अधिकतर पढ़ाई लिखाई भी बिहार में ही हुई है तथा राजनीति के अधिकतर दांव भी उन्होंने बिहार में ही सीखे हैं। जेपी नड्डा की स्कूलिंग पटना के सेंट जेवियर स्कूल से हुई है और उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज से की है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से शुरू की राजनीति
स्नातक की पढ़ाई पटना में पूरी करने के बाद जगत प्रकाश नड्डा ने शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया और वहीं से हिमाचल प्रदेश की छात्र राजनीति में चमके। वर्ष 1983 में जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी (ABVP) के प्रत्याशी के तौर विश्वविद्यालय की छात्रसंघ इकाई के अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद 1989 में जेपी नड्डा ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री चुने गए और वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
एंटी बीजेपी लहर में भी बने भाजपा विधायक
जगत प्रकाश नड्डा 1993 में पहली बार चुनावी राजनीति में उतरे और हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर सदर विधानसभा सीट से विधायक चुनकर राज्य की विधानसभा में पहुंचे। 1993 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूरे राज्य में भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ा था और उस समय के प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार भी चुनाव हार गए थे। लेकिन पूरे राज्य में भारतीय जनता पार्टी की हार के बावजूद जेपी नड्डा अपनी सीट पर चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। 1998 में वे एक बार फिर से विधायक बने और राज्य में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी जिसमें नड्डा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बने। 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार बनी तो उसमें भी जेपी नड्डा को देश का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था।
केंद्रीय राजनीति में एंट्री
2003 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई और कांग्रेस की सरकार बनी तो उस समय जेपी नड्डा राज्य की विधानसभा में विपक्ष के नेता बने, इसके बाद 2007 में राज्य में फिर मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी तो उसमें जेपी नड्डा को राज्य के वनमंत्री बनाया गया। हालांकि उस दौरान उनका कार्यकाल छोटा रहा और उन्हेंने राज्य के वनमंत्री का पद छोड़ केंद्रीय राजनीति का रुख किया भारतीय जनता पार्टी के महासचिव बनाए गए। 2012 में जेपी नड्डा राज्यसभा के सांसद चुने गए और 2014 में जब केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में पहली बार भाजपा सरकार बनी तो उसमें जेपी नड्डा को देश स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया।
लोकसभा चुनाव में यूपी में दिलाई बड़ी जीत
भारतीय जनता पार्टी ने 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान जेपी नड्डा को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया था जिसमें उन्होंने अपने कुशल प्रबंधन को दिखाते हुए भारतीय जनता पार्टी को राज्य में बड़ी जीत दिलाई। लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दल यानि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन कर लिया था, लेकिन इसके बावजूद जेपी नड्डा राज्य में भाजपा को जीताने में कामयाब रहे। 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी तो उस समय अमित शाह राज्य के प्रभारी हुआ करते थे और उन्होंने राज्य में भाजपा को जीत दिलाई थी तथा बाद में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस बार इतिहास एक बार फिर से दोहराया गया, जेपी नड्डा ने अपने दम पर उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ी जीत दिलाई है और अब वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं।