पणजी: गोवा में बीफ (गोमांस) व्यापारियों व सत्तारूढ़ और विपक्षी विधायकों द्वारा राज्य में बीफ की कमी की शिकायतों के बीच राज्य के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा मंत्री ने बुधवार को राज्य के एकमात्र वैध बूचड़खाने का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में बीफ की कमी नहीं है। विपक्षी नेता चंद्रकांत कावलेकर के प्रश्न का जवाब देते हुए पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा मंत्री मॉविन गोडिन्हो ने एक लिखित जवाब में कहा, "गोवा मीट कॉम्पलेक्स लिमिटेड ने बीफ की किसी भी प्रकार की कमी की शिकायत नहीं की है। हालांकि, परिसर में नवंबर 2017 से किसी जानवर का वध नहीं किया गया है।" कावलेकर ने सवाल किया था कि 2017-18 के दौरान गोवा में बीफ की कमी हुई है या नहीं।
राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 27 जुलाई को सत्तारूढ़ दल के साथ साथ विपक्षी विधायकों ने राज्य में गोमांस की कमी को लेकर चिंता जताई थी और इसके लिए राज्य के ठप पड़े बूचड़खाने के साथ कर्नाटक से मंगाए जाने वाले बीफ के कन्साइनमेंट को निशाना बनाए जाने को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था।
मुस्लिम नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को फैक्ट्री एवं बॉयलर मंत्री विजय सरदेसाई से मुलाकात की थी और ईद-अल-अदहा (बकरीद) से पहले बूचड़खाने में कामकाज को शुरू करने की मांग की थी। सरदेसाई ने उन्हें आश्वासन दिया कि मुस्लिम त्योहार से पहले उनका मंत्रालय बूचड़खाने को शुरू करने की अस्थायी अनुमति देने को सुनिश्चित करेगा।
इससे पहले 2018 में गोवा के गोमांस व्यापारियों ने गो रक्षक समूहों द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए और ठप पड़े बूचड़खाने के मुद्दे पर हड़ताल की थी। क्षेत्रीय मांस व्यापारी संगठन के अनुसार गोवा में रोजाना औसतन 20 से 25 टन गोमांस का उपभोग होता है।