नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसदों को कल सदन में मौजूद रहने और सरकार के रुख का समर्थन करने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। यह व्हिप सरकार द्वारा किसान बिलों को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध के बाद जारी किया गया है। आपको बता दें कि इस विषय पर विपक्ष के कुछ सांसदों के हंगामे के कारण 8 सांसदों को राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि विधेयक को इतिहास के लिये ऐतिहासिक क्षण बताया है। उन्होनें कहा कि ये (कृषि) विधेयक क्षेत्र में पूर्ण बदलाव सुनिश्चित करेंगे और करोड़ों किसानों को सशक्त बनाएंगे। कृषि विधेयक तीन दशकों तक बिचौलियों द्वारा किसानों को विवश रखा गया और तंग किया जाता रहा, संसद द्वारा पारित विधेयक उन्हें मुक्ति दिलाएगा।
उन्होनें कहा कि ये (कृषि) विधेयक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को गति देंगे और उनकी ज्यादा समृद्धि सुनिश्चित करेंगे। कृषि विधेयक पांच कृषि क्षेत्र को नवीनतम प्रौद्योगिकी की नितांत आवश्यकता है, किसानों तक उसकी पहुंच अब सुगम होगी, जिससे उत्पादन बढ़ेगा। उन्होनें कहा कि मैं फिर दोहराना चाहूंगा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सरकारी खरीद की व्यवस्था जारी रहेगी। मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये कानून कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं। यह पहले की तरह चलती रहेंगी।
विपक्ष का विरोध
कांग्रेस ने सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों के निलंबन को ‘‘अलोकतांत्रिक’’ और ‘‘एकतरफा’’ करार दिया। निलंबित सदस्यों में कांग्रेस के भी तीन सदस्य शामिल हैं। पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा कि पहले तो सदस्यों की आवाज दबाई गई और बाद में उन्हें निलंबित कर दिया। गांधी ने कहा कि ऐसा करके लोकतांत्रिक भारत को चुप कराने की कोशिश जारी है।
उच्च सदन में रविवार को कृषि संबंधी दो विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान अप्रत्याशित हंगामा देखा गया था। इसके एक दिन बाद ही राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था। रविवार को हंगामे के दौरान उपसभापति के साथ ‘‘अमर्यादित आचरण’’ के लिए आज विपक्षी दलों के आठ सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘पहले तो आवाज दबायी गई, फिर सांसदों को निलंबित किया गया तथा कृषि संबंधी काले कानूनों के बारे में किसानों की चिंताओं पर आंखें मूंदकर कर लोकतांत्रिक भारत की आवाज को दबाने की कोशश जारी है।’’ पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस ‘‘अन्तर्यामी सरकार’’ के अंतहीन घमंड ने पूरे देश को आर्थिक विपदा में झोंक दिया है। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी।
कांग्रेस नेताओं ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आदेश के अनुसार काम कर रहे हैं। चौधरी ने आरोप लगाया कि नवनिर्वाचित उपसभापति सरकार की शह पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पीएमओ के आदेश पर उन्होंने विपक्षी दलों की आवाज को दबाने और उसे घोंटने का काम किया है।’’