मुम्बई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस समेत सत्तारूढ़ भाजपा शिवसेना गठबंधन के नेताओं ने राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठाओं के लिए आरक्षण को वैध ठहराने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले की बृहस्पतिवार को प्रशंसा की।
विधानसभा में फड़णवीस ने कहा कि यह खुशी की बात है कि उच्च न्यायालय ने मराठाओं को आरक्षण देने के उनकी सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। उन्होंने इस विषय पर सरकार का समर्थन करने पर राजनीतिक दलों और मराठा संगठनों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि विधानमंडल से पारित इस आरक्षण कानून को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी, उस पर लंबे समय तक सुनवाई चली। आखिरकार न्यायालय ने मराठा आरक्षण कानून बनाने की विधानमंडल की विधायी सक्षमता को बरकरार रखा।
वित्त मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुंगतिवार ने भी उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम खुश हैं कि आरक्षण की वैधता अदालत की परीक्षा में खरी उतरी। सरकार ने सभी चीजों का अध्ययन करने के बाद इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा था।’’
पर्यावरण मंत्री एवं शिवसेना नेता रामदास कदम ने मुंगतिवार का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछली (कांग्रेस-राकांपा गठबंधन) सरकार द्वारा दिया गया आरक्षण न्यायपालिका की परीक्षा में खरा नहीं उतरा। लेकिन, हमारी सरकार ने जो आरक्षण दिया, उसकी वैधता पर उच्च न्यायालय ने मुहर लगा दी है। हम बहुत खुश हैं।’’
आवास मंत्री और भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा, ‘‘ यह ऐतिहासिक फैसला है। अदालत का फैसला उन लोगों के लिए श्रद्धांजलि है जिन्होंने आरक्षण की मांग को लेकर अपनी जान दी।’’
उधर, बंबई उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद न्यायालय परिसर में लोगों ने ‘जय मराठा, एक मराठा लाख मराठा’ का नारा लगाया। उन्होंने एक दूसरे से गले मिलकर और हाथ मिलाकर बधाई दी। खुशी के इस माहौल ने कई मराठा कार्यकर्ताओं ने भगवा झंडे लहराए जिन पर छत्रपति शिवाजी की तस्वीर थी। नारेबाजी और झंडा लहराये जाने पर रोक के चलते पुलिस अधिकारी ने उनसे परिसर से बाहर जाने को कहा। अदालत के बाहर समर्थकों ने कहा कि वैसे तो वे इस फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन वे आरक्षण की सीमा 16 फीसद के बजाय 12-13 फीसद करने के अदालत के निर्देश से संतुष्ट नहीं हैं।