नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लगातार जारी गतिरोध के बीच किसी भी स्थिती से निपटने को लेकर भारत LAC पर अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर है। भारत सीमा पर लगातार अपनी स्थिती को मजूबत करता जा रहा है। ऐसे में स्थिती का जायजा लेने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत लद्दाख सेक्टर के दौरे पर हैं। जनरल बिपिन रावत को लेह स्थित 'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' (Fire and Fury Corps) के शीर्ष कमांडरों द्वारा वहां तैनात सुरक्षाबलों की तैयारी और वर्तमान स्थिती की जानकारी दी जाएगी।
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इसके अलावा DRDO ने भारतीय जवानों के लिए ऐसी तकनीक बना दी है जिससे चीन सीमा पर भारतीय जवानों को मदद मिलेगी। दरअसल लद्दाख सहित सियाचीन और कश्मीर में तापमान -20 से -50 तक चला जाता है। इन इलाकों में तैनात भारतीय सेना के जवानों के लिए DRDO ने एक नई हीटिंग डिवाइस डवलप की है। Defence Institute of Physiology & Allied Sciences (DRDO) के डायरेक्टर डॉक्टर राजीव वार्ष्णेय ने बताया कि DRDO ने पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना के लिए 'हिम तपक' (Him Tapak) नामक नई space heating devices बनाई है। यह सुनिश्चित करेगा कि backblast और carbon monoxide poisoning के कारण जवानों की मौत न हो।
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इसके अलावा LAC पर भारतीय सेना कितनी मुस्तेद है इसका इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाल ही में पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने एक चीनी सैनिक को भारतीय इलाके में अवैध रुप से घुसने के बाद हिरासत में ले लिया था। हालांकि बाद में उसे पूछताछ के बाद दौबारा चीन को सौंप दिया गया। चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के सैनिक को शुक्रवार सुबह पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में पकड़ा गया था।
चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में आ गया था। सूत्रों ने बताया था कि पूर्वी लद्दाख में सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर चुशूल-मोल्दो सीमा स्थल पर सैनिक को चीन को सौंप दिया गया। पिछले आठ महीने से ज्यादा समय से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध चल रहा है।
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पैंगोंग झील वाले क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद पिछले साल मई में यह गतिरोध शुरू हुआ था। सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा था ‘‘पीएलए का सैनिक एलएसी पार कर अवैध रूप से घुसा था। इस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने उसे हिरासत में ले लिया था। चीनी सैनिकों के अभूतपूर्व जमावड़े और तैनाती के चलते पिछले वर्ष तनाव उत्पन्न होने के बाद दोनों ओर से सैनिक एलएसी पर तैनात किये गए हैं।’’