नयी दिल्ली: बायोलॉजिकल ई को कोविड-19 टीका कॉर्बेवैक्स (Corbevax) के दूसरे और तीसरे चरण के मानवीय क्लीनिकल परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने शुक्रवार को बताया कि पांच वर्ष से ऊपर के बच्चों और वयस्कों पर इसके परीक्षण की अनुमति दी गई है। इसने बताया कि कॉर्बेवैक्स का विकास जैव प्रौद्योगिकी विभाग और इसकी पीएसयू जैव प्रौद्योगिकी उद्योग शोध सहायक परिषद (बीआईआरएसी) के सहयोग से किया जा रहा है।
बता दें कि, बीते बुधवार को बताया था कि बायोलॉजिकल ई को उसके टीका परीक्षण की मंजूरी दी गई है। पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की समीक्षा के बाद भारत के औषधि महानिरीक्षक ने तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी दी है। डीबीटी ने कहा, ‘‘बायोलॉजिकल ई को एक सितंबर 2021 को कॉर्बेवैक्स टीके के, बच्चों एवं वयस्कों पर दूसरे एवं तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी मिल गई।’’
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा डाटला ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के समक्ष दायर करने में सहयोग मिलेगा। अभी तक जायडस कैडिला के कोविड-19 टीके जायकोव-डी को देश में 12 से 18 वर्ष तक की उम्र के किशोरों को लगाने की आपातकालीन मंजूरी औषधि नियामक से मिली है। डीसीजीआई ने जुलाई में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दो से 17 वर्ष तक की उम्र के बच्चों में कुछ स्थितियों में कोवोवैक्स टीके के दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दी थी।
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