पटना: केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल के मूल्यों में 2.50 रुपये की कटौती करने के बाद राज्यों से और 2.50 रुपये की कमी करने की अपील का अब तक बिहार सरकार पर असर नहीं दिखा है। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा 2.50 रुपये के मूल्यों की कमी से लोगों को कुछ राहत मिली है।
इस बीच बिहार सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में कमी में सहयोग नहीं करने से विपक्ष अब राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साध रही है। इधर, बिहार के वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने स्वीकार किया है कि केंद्र सरकार द्वारा पत्र मिलने के बाद बिहार सरकार इस मामले पर विचार कर रही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद अन्य राज्यों से भी तेल में वैट कटौती कर प्रति लीटर 2.50 रुपये राहत देने की अपील की थी।
केंद्र की अपील पर भाजपा शासित कुछ राज्यों ने भी तेल पर वैट में कटौती की घोषणा की, लेकिन बिहार पर अब तक केंद्र सरकार की अपील का असर नहीं पड़ा है।
इधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वह केंद्रीय वित्त मंत्री के पत्र का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर राज्य की स्थिति अलग होती है और इसे देख कर ही कोई फैसला लिया जाएगा।
इधर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक भाई विरेंद्र ने राज्य सरकार के इस अड़ियल रवैये पर कहा कि बिहार सरकार को जनता से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि जब पड़ोसी राज्य झारखंड में तेल में वैट कटौती कर सकती है तो बिहार क्यों नहीं?