पटना: बिहार में पिछले तीन दिन से जारी मूसलाधार बारिश के कारण बुधवार को भी जीवन अस्त-व्यस्त रहा। प्रदेश में भारी वर्षा के कारण मरने वालों की संख्या बढकर 55 हो गयी जबकि 9 अन्य घायल हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्षा और वर्षा जनित कारणों तथ बाढ़ में डूबने के कारण 55 लोगों के मरने और नौ लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। 27 सितम्बर से 30 सितम्बर तक राज्य में अप्रत्याशित वर्षा होने एवं नदियों के जल स्तर में वृद्धि होने से पटना, भोजपुर, भागलपुर, नवादा, नालन्दा, खगड़िया, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर, कटिहार, जहानाबाद अरवल एवं दरभंगा जिले मुख्य रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में 92 प्रखण्ड के 505 पंचायत के 959 गाँव की 21.45 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ 45 राहत शिविर एवं 324 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है। कुल 1,124 सरकारी एवं निजी नावों का संचालन किया जा रहा है। इन जिलों में बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों के सहयोग से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। आबादी निष्क्रमन तथा राहत एवं बचाव कार्यों के निमित्त एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 23 टीमों को लगाया गया है। इसमें जिसमें गुवाहाटी से बुलाये गये एनडीआरएफ के अतिरिक्त 4 टीमें शामिल हैं।
पटना शहर के जल-जमाव वाले क्षत्रों में स्थिति से निपटने के लिये एनडीआरएफ की 6 टीमों एवं एसडीआरएफ की 2 टीमों को 60 मोटरबोट के साथ लगाया गया है। जल-जमाव के कारण अपने घरों में फंसे हुए लागों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों के सहयोग से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। अबतक कुल 69,752 आबादी को निष्क्रमित किया गया है। 361 मरीजों एवं 31 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुँचाया गया है।
पटना शहर के जल-जमाव वाले क्षेत्रों में प्रभावितों के बीच वायुसेना के दो हेलिकॉप्टर से फूड पैकेट्स गिराये जाने का सिलसिला आज भी जारी रहा। फूड पैकेट में चुड़ा, गुड़, मोमबत्ती, दीया-सलाई, पानी का बोतल एवं आलू शामिल हैं। लगभग 7,500 फूड पैकेट गिराया गया है। पटना जिला प्रशासन के द्वारा पेयजल, फूड पैकेट एवं दुग्ध का वितरण भी कराया जा रहा है तथा 02 स्थानों पर निःशुल्क सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है। पटना जिला प्रशासन द्वारा अबतक 13,450 पानी का बोतल, 15,000 दूध का पैकेट एवं 13,520 फूड पैकेट का वितरण किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल-जमाव वाले क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था के लिए 20 चिकित्सा दलों को एम्बुलेंस एवं जीवन रक्षक दवाओं के साथ प्रतिनियुक्त किया गया है।