Friday, November 22, 2024
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बिहार: 13 जिलों में जलप्रलय, राजधानी पटना में भी घुस सकता है पानी

गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। पटना के गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। पुनपुन और अन्य छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं। इसके बाद जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने सभी बीडीओ और सीओ को अलर्ट जारी किया है। गांधी घाट पर खतरे

Edited by: India TV News Desk
Updated on: August 17, 2017 20:14 IST
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नई दिल्ली: बिहार में लोगों को बाढ़ से राहत मिलती नहीं दिख रही है। बिहार के तेरह जिलों में जहां तक नजर जाती है सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। उफनती लहरों ने पुल को बहा दिया है तो सड़कें पानी में डूब चुकी हैं। जहां तक मैदानी इलाकों का सवाल है तो गांव के गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। अभी तक कुल 77 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है जबकि अब बाढ़ का पानी राजधानी पटना में घुसने वाला है। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। ये भी पढ़ें: लव जिहाद पर बड़ा खुलासा: एक हिंदू लड़की, मुसलमान लड़का और बड़ी साजिश

गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। पटना के गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। पुनपुन और अन्य छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं। इसके बाद जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने सभी बीडीओ और सीओ को अलर्ट जारी किया है। गांधी घाट पर खतरे का निशान 48.60 मीटर है। बुधवार की शाम गंगा यहां 48.17 मीटर तक पहुंच चुकी थी। पुनपुन नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।

बुधवार को समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने बताया कि अभी जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर नहीं है। फिर भी तैयार रहने की आवश्यकता है। सभी अधिकारियों को 24 घंटे उपलब्ध रहने को कहा गया है। जिले के जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को नदियों के जलस्तर पर नजर रखने को कहा गया है ताकि खतरे के निशान से ऊपर होने पर समय रहते कार्रवाई की जाए।

जिलाधिकारी द्वारा बुलाई गई बैठक में सिविल सर्जन, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता और दीघा के कार्यपालक अभियंता अनुपस्थित थे। डीएम ने इसे गंभीरता से लते हुए तीनों अधिकारियों का एक दिन का वेतन स्थगित करने के साथ स्पष्टीकरण मांगा है।

वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों में युद्ध स्तर पर राहत बचाव के लिए एनडीआरएफ की 22 टीम जिसमें 949 जवान एवं 100 नौका, एसडीआरएफ की 15 टीम जिसमें 421 जवान और 82 नौका, सेना की चार टुकड़ियों के कुल 300 जवान को 40 नौकाओं के साथ है।

सेना की तीन अतिरिक्त टुकड़ियां जो कि कल रात पहुंची थी इन्हें सीतामढ़ी, मधुबनी, पश्चिम चम्पारण एवं पूर्वी चम्पारण जिले में बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों के दल द्वारा भी आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस दल में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव सहित पूर्णिया, अररिया, किशनगंज एवं कटिहार जिला के जिला पदाधिकारी एवं प्रभारी प्रधान सचिव शामिल हैं। इनके द्वारा हवाई सर्वेक्षण के आधार पर स्थिति का आकलन करके आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

 
वायुसेना के दो हेलिकॉप्टरों के माध्यम से पूर्णिया हवाई अड्डे से प्रभावित क्षेत्र में खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है। पश्चिम चम्पारण क्षेत्र के अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र में खाद्य सामग्री वितरित करने के लिए एक अतिरिक्त हेलिकॉप्टर का अधिग्रहण किया गया है। यह हेलिकॉप्टर आज से राहत कार्य शुरू करेगा।

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