पटना: बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी कम हो रहा है। हालांकि अभी भी कई जिलों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। बाढ़ से 1.61 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है, जबकि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ की चपेट में आने से 12 लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 379 तक पहुंच गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया, "बाढ़ग्रस्त जिलों के प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी उतर रहा है। अभी भी राज्य के 19 जिलों के 185 प्रखंडों की 1़61 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है।"
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि मौत के आंकड़े बढ़ने का कतई यह मतलब नहीं है कि जलस्तर में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि अचानक पानी बढ़ने से जो लोग लापता हो गए थे, उनका अब शव मिल रहा है, जिस कारण मृतकों की संख्या में वृद्धि हो रही है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़े के मुताबिक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 12 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण मरने वालों की संख्या 379 तक पहुंच गई है।
अररिया में सबसे ज्यादा 80 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 24, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 35, पूर्वी चंपारण में 19, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 22, मधुबनी में 25, सीतामढ़ी में 43, शिवहर में चार, सुपौल में 16, मधेपुरा में 21, गोपालगंज में 19, सहरसा में चार, मुजफ्फरपुर में सात, समस्तीपुर में एक तथा खगड़िया और सारण में सात-सात लोगों की मौत हुई है। सीवान के एक प्रखंड के चार पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, परंतु अब तक यहां किसी भी व्यक्ति की मौत होने की सूचना नहीं है।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त जिलों में राहत और बचाव कार्यो का कार्य अभी भी युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित जिलों में लगातार सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है। एक अधिकारी के मुताबिक, "राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक में पानी से घिरे 7.81 लाख से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढग्रस्त क्षेत्रों में फिलहाल 624 राहत शिविर चल रहे हैं, जिसमें करीब 1.56 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी 1,565 सामुदायिक रसोई चल रही है।" जिन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी निकल रहा है, उन क्षेत्रों के लोग अब राहत शिविर छोड़कर अपने घरों की ओर भी लौटने लगे हैं।
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पूर्वी चंपारण जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यो का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को हर हाल में इस त्योहारी सीजन में बाढ़ पीड़ितों तक जल्द से जल्द राहत सामग्री पहुंचाने तथा क्षतिग्रस्त सड़कों व पुल-पुलियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बुधवार को नीतीश ने अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यो का जायजा लिया था।