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Bihar flood 2017: पश्चिम चंपारण में दूर-दूर तक नजर आ रही इंसान की बेबसी

नेपाल की सीमा से लगे बिहार इस उत्तरी जिले में सैलाब का कहर टूटा है। सैलाब के विकराल रुप के आगे न इंसानों का बस है और न सरकार का और न इंसानों की बनाई मशीनों का ।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 17, 2017 18:09 IST
west champaran- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV west champaran

पश्चिम चंपारण: नेपाल की सीमा से लगे बिहार इस उत्तरी जिले में सैलाब का कहर टूटा है। सैलाब के विकराल रुप के आगे न इंसानों का बस है और न सरकार का और न इंसानों की बनाई मशीनों का । पिछले पांच दिनों से पूर्वी चंपारण और पिश्चमी चंपारण की सीमा पर सैलाब ने ऐसा साम्राज्य कायम किया है कि घर खेत, सड़के सबकुछ पानी में समा चुकी हैं। ऐसा लग रहा है जैसे नदी के बीच किसी शहर को बसाने की कोशिश की गई हो। पानी के बीच आधे डूबे हुए घर और सड़कों की पहचान बतानेवाले बोर्ड को देखकर ही जाहिर होता है कि ये कोई रिहायशी इलाका है । 

यहां दूर-दूर तक इंसानों की बेबसी नजर आती है न एनडीआरएफ की बोट न हेलिकॉप्टर और न ही सरकार की कोई मदद। इन इलाकों में सैलाब का पानी अचानक बड़ी तेजी से आया और सोमवार से पानी ने इन इलाकों को डुबोना शुरू कर दिया । अब तक इस इलाके की तमाम जगहें पानी में डूब चुकी हैं । घर में घुटने से ऊपर तक पानी है और लोग किसी तरह जिंदगी बिता रहे हैं । 

इन लोगों के लिए ट्रैक्टर ही इनका घर है । सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को लेकर है क्योंकि पानी यहां कमर से ऊपर तक है ऐसे में बच्चों का पानी में चलना खतरे से खाली नहीं । खाने के नाम पर इन लोगों के पास चूड़ा और गुड़ है । लेकिन ये राशन भी मुश्किल से दो दिन ही चल सकेगा। सैलाब से लड़ रहे लोग बेहद गरीब हैं। खेतों में छोटे-मोटे काम और दिहाड़ी मजदूरी करनेवाले इन लोगों के सामने जिंदगी को ऐसे हालात में चलाना बेहद मुश्किल है। गांव के ही एक स्कूल को लोगों ने सैलाब से जंग में बंकर की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया है। 

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