सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में भी बाढ़ का पानी कहर बनकर टूटा है। सैकड़ों गांवों का संपर्क देश-दुनिया से कटा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF और SDRF की टीमें लगाई गई हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि लोग किसी भी कीमत पर अपना घर नहीं छोड़ना चाहते। बार-बार समझाने के बावजूद लोग घर नहीं छोड़ना चाहते, क्योंकि डर है कि कहीं बाहर गए तो घर के अंदर रखा सामान गायब हो सकता है।
रुनी सैदपुर इलाके में हर तरफ पानी ही पानी है। सड़कें डूबी हुई हैं, स्कूल डूबे हुए हैं। घरों के अंदर इतना पानी है कि लोग छतों के ऊपर रहने के लिए मजबूर हैं। सीतामढ़ी में NDRF की टीमें स्पीड बोट के जरिए राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन तबाही इस कदर है कि इससे निपटना कतई आसान नहीं है। रुनी सैदपुर के पावर सब स्टेशन पर बड़े-बड़े ट्रांसफॉर्मर समेत पूरा बिजली घर पानी में डूबा है। इस बर्बादी की वजह से पावर सप्लाई पूरी तरह ठप है।
रुनी सैदपुर पुलिस स्टेशन के अंदर खड़ी गाड़ियां भी डूबी हुई हैं। बाजार का कोई ऐसा हिस्सा नहीं जहां पानी न हो, सैलाब के इस कहर से हजारों लोग बेघर हैं। अपना सबकुछ गंवा चुके ये लोग हाईवे किनारे रात गुजारने के लिए मजबूर हैं। टेंट लगाकर रह रहे इन लोगों के लिए प्रशासन राहत सामग्री भी भेज रहा है। लेकिन डिमांड इतनी ज्यादा है कि सप्लाई ऊंट के मुंह में जीरा साबित होती है। जब भी कोई सरकारी गाड़ी सड़क से होकर गुजरती है लोग इसी पीछे-पीछे दौड़ने लगते हैं, इस उम्मीद के साथ की शायद कोई मदद मिल जाए।