पटना: बिहार में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। 19 जिलों के प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी भले ही कम हो रहा है, लेकिन लोगों की परेशानियां घट नहीं रही हैं। कई लोगों के घर टूट गए हैं तो कहीं सड़कें टूट गई हैं, जिससे आवागमन अवरुद्ध हो गया है। राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है। बिहार में बाढ़ से 1.71 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ की चपेट में आने से 22 लोगों की मौत हो गई, जिससे बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 440 तक पहुंच गई है।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, "बाढ़ग्रस्त जिलों के प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी उतर रहा है। अभी भी राज्य के 19 जिलों के 187 प्रखंडों की 1.71 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है।" आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा शनिवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 22 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण बाढ़ से मरने वालों की संख्या 440 तक पहुंच गई है।
अररिया में सबसे ज्यादा 95 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 24, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 40, पूर्वी चंपारण में 32, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 30, मधुबनी में 28, सीतामढ़ी में 46, शिवहर में पांच, सुपौल में 16, मधेपुरा में 25, गोपालगंज में 20, सहरसा व खगड़िया में आठ-आठ, मुजफ्फरपुर में नौ, समस्तीपुर में दो तथा सारण में सात लोगों की मौत हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अब लोगों के शिविरों से वापस घर लौटने के कारण राहत शिविरों की संख्या कम की जा रही है।
उन्होंने बताया, "पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर और सीवान में चलाए जा रहे राहत शिविरों को बंद कर दिया गया है। फिलहाल 262 राहत शिविर चल रहे हैं, जिसमें करीब 1.65 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी 1,114 सामुदायिक रसोई चल रही है।"