नई दिल्ली: कदाचार के लिए बदनाम बिहार की एक और अजीबो-गरीब तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर छपरा के जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत चलने वाले राजेन्द्र कॉलेज की है। अपने अजीबो-गरीब कारनामों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाला बिहार के जयप्रकाश विश्वविद्यालय में चल रही स्नातक तृतीय खंड के जीएस की परीक्षा में परीक्षार्थी ऐसे परचा लिखते नजर आये मानों बारात में भोज खाने आये हों। जीएस की परीक्षा में परीक्षार्थियों को बरामदे, जमीन एवं सीढ़ी के नीचे, जिसे जहां जगह मिली वहां जैसे तैसे बिठाकर प्रश्न पत्र और आंसर शीट दे दी गई। कोई आमने-सामने फर्श पर बैठ कर परीक्षा दे रहा है तो कोई खड़े-खड़े कॉपी लिख रहा था। कोई परीक्षार्थी कमीज उतारकर प्रयोगशाला के टेबल पर पालथी मारकर परीक्षा दे रहा है तो कोई ऐसे बैठा था जैसे भोज की पांत में बैठा हो। पंखा था नहीं इसलिए ज्यादातर परीक्षार्थी अपनी कमीज उतार कर गर्मी की तपिश से बचने की कोशिश करते दिखे।
इस मामले पर जय प्रकाश यूनिवर्सिटी के वीसी ने राजेंद्र कॉलेज के प्रिंसिपल की जम कर डाँट लगाई हैं। गौरतलब है कि परीक्षा से पहले खुद कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने यहाँ का दौरा किया था। परीक्षा शुरू होने के पहले सभी प्राचार्य की बैठक कर सीसीटीवी कैमरा की निगरानी में परीक्षा लेने का निर्देश दिया था।
इतना ही नहीं कुलपति ने खुद 10 मई को वाईएन कॉलेज दिघवारा केंद्र पर कुव्यवस्था व सामूहिक नकल होने की शिकायत पर कड़ा एक्शन लिया था। उन्होंने वहां की द्वितीय पाली की परीक्षा को रद्द करते हुए केंद्राधीक्षक तक को बदल दिया था, लेकिन उसके बाद भी शहर के अधिकांश परीक्षा केन्द्रों पर ऐसा ही नजारा दिखा, जिसे परीक्षा तो बिलकुल नहीं कहा जा सकता।
वही राजेन्द्र कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर वीरेंद्र प्रसाद यादव का कुछ अलग तर्क हैं, उनका कहना हैं कि ये बदनाम करने के लिए किया गया हैं जितने परीक्षार्थी हैं। उनके बैठने की व्यवस्था यहां नहीं हैं। यानी सबके बैठने की व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने लिखा था कि परीक्षार्थियों की संख्या ज्यादा है इसलिए आसपास के स्कूलों में परीक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए।
सभी छात्र एक दूसरे की मदद से परीक्षा दे रहे थे। उन्हें कोई देखने रोकनेवाला नहीं था।
कहने के लिए वहां वीक्षकों की तैनाती तो थी लेकिन हालात देखकर उन्होंने भी अपने आँख-कान बंद कर लिया था।