पटना: बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार रविवार को भयावह बनी हुई है, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों के राहत एवं बचाव के लिए सेना और भारतीय वायुसेना की मदद मांगी है। नीतीश कुमार ने यहां आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में कहा, "बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह है। राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और हमने प्रभावित लोगों को बचाने तथा लोगों के बीच राहत सामग्री बांटने के लिए सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद मांगी है।" बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हवाई दौरा करेंगे। (जमीन धंसने से हिमाचल प्रदेश में 46 लोगों की मौत)
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया है कि प्रभावित लोगों के राहत एवं बचाव के लिए केंद्र से हर संभव मदद मुहैया कराएं। उन्होंने कहा, "दोनों ने मदद का आश्वासन दिया है।" राज्य में सीमांचल और कोशी इलाके के लगभग आधा दर्जन जिले पिछले तीन दिनों के दौरान हुई भारी बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हैं। बिहार में सभी प्रमुख नदियां नेपाल एवं बिहार में अपने जलागम क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के बाद से उफान पर हैं। अधिकारियों ने कहा कि सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिसके कारण हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। अभी तक बाढ़ में किसी के मौत की खबर नहीं है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को सतर्क कर दिया है, और बाढ़ प्रभावित किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पश्चिम चंपारण, सहरसा, और सुपौल जिलों में निवासियों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में जानकार सूत्रों ने कहा कि पटना के दानापुर छावनी से बिहार रेजीमेंट के 80 सैन्यकर्मी लोगों को बचाने के लिए रविवार शाम किशनगंज और अररिया पहुंच गए। सूत्रों ने कहा, "नीतीश कुमार ने केंद्र से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष की 10 अतिरिक्त टीमें भी प्रभावित जिलों के लिए मांगी है।"
राज्य सरकार ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें इन जिलों में पहले से तैनात कर रखी है। आपदा प्रबंधन विभाग ने निचले इलाकों में रह रहे लोगों को ऊंचाई वाले स्थानों पर चले जाने को कहा है। राजधानी पहुंच रहीं खबरों में कहा गया है कि सुपौल, सहरसा, बाघा, गोपालगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी, खगड़िया, दरभंगा और मधेपुरा जिलों में गांवों में पानी घुसने के बाद सैकड़ों लोग अपने घरों से भाग गए हैं। जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "राज्य में और नेपाल के जलागम क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण इन गांवों में पानी घुस गया है।" अररिया और किशनगंज में कई रेलवे स्टेशन बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिसके कारण कई सारे यात्री फंस गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, करोड़ों रुपयों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और कई स्थानों के लिए जाने वाले मार्ग कट गए हैं।