नई दिल्ली: चमकी बुखार ने बिहार में हाहाकार मचा रखा है। सरकार और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी इस पर काबू नहीं पाया जा सका है। महामारी की तरह फैली इस बीमारी से कल भी मुजफ्फरपुर में 5 मासूमों की मौत हो गई। बिहार में मरने वाले बच्चों की संख्या 128 पहुंच चुकी है जिसमें अकेले मुजफ्फरपुर में ये आंकड़ा 114 का है। चमकी बुखार से बीमार बच्चों के अस्पतालों में आने का सिलसिला लगातार जारी है। कल 27 बच्चों को भर्ती किया गया।
मुजफ्फरपुर के दो बड़े हॉस्पिटल SKMCH और केजरीवाल अस्पताल में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज हो रहा है। इस बीच हैरान करने वाली बात ये है कि सूबे के सीएम से लेकर डिप्टी सीएम तक सबने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में थे। बैठक के बाद नीतीश कुमार से चमकी बुखार को लेकर सवाल पूछने की कोशिश की गई लेकिन नीतीश कुछ भी नहीं बोले और सवालों से बचते हुए निकल गए।
वहीं कल बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुशील कुमार मोदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की लेकिन जब उनसे चमकी बुखार के बारे में सवाल पूछे गए तो उन्होंने कह दिया कि प्रैस कॉन्फ्रैस बैंकर्स और लोन के मसले पर है इसलिए चमकी बुखार पर कोई जबाव नहीं देंगे।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दरभंगा, सुपौल और मधुबनी के कुल 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती मुजफ्फरपुर में की गयी है। इसके अलावा अन्य जिलों में तैनात तीन बाल रोग विशेषज्ञों और 12 नर्सों को मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।
इस बीच चमकी बुखार के कारण बड़ी संख्या में बच्चों की मौत को लेकर मुजफ्फरपुर निवासी मोहम्मद नसीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और अश्विनी कुमार चौबे तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक स्थानीय अदालत में शिकायत दर्ज कराई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मामले की सुनवाई की तारीख 25 जून मुकर्रर की है।